विदेशी बैंकों में जमा काले धन को लेकर उच्चतम न्यायालय के कड़े रुख के बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक गुरुवार को हुई जिसमें अनेक मंत्रियों ने इस मुद्दे पर चिंता जताई लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्पष्ट किया कि विदेशी बैंक खातों के बारे में बाहरी सरकारों द्वारा उपलब्ध कराई गयी सूचनाओं को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता.
सूत्रों के अनुसार बैठक में मंत्रियों ने ज्रिक किया कि काले धन को लेकर सरकार पर लगभग हर तरफ से हमला हो रहा है और यह धारणा बनती जा रही है कि सरकार इस मुद्दे पर कुछ छिपा रही है. बैठक में सिंह ने उल्लेख किया कि सरकार विदेशी बैंकों में खातों से जुड़ी जानकारी से जुड़े नामों का खुलासा सरकार नहीं कर सकती क्योंकि वह अनेक संधियों से बंधी है.
सूत्रों के अनुसार वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि विदेशी बैंकों में भारतीयों के खातों से संबंधी सूचनाएं अंतरराष्ट्रीय संधियों के तहत उपलब्ध काराई गयी है. अगर इन्हें सार्वजनिक कर देगी तो भविष्य में कोई सरकार ऐसी जानकारी नहीं देगी.
सूत्रों के अनुसार बैठक में जोर देकर कहा गया कि इस तरह की सूचना पूरी तरह से कराधान के उद्देश्य से उपलब्ध कराई गई है और सरकार नाम सार्वजनिक किए बिना ही यह कदम उठाएगी. मुखर्जी ने कहा कि वे इस बारे में शीघ्र ही संवाददाताओं को जानकारी देंगे ताकि स्थिति को स्पष्ट किया जा सके.
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने विदेशी बैंकों में जमा काले धन की जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के लिए बुधवार को सरकार की खिंचाई की थी. न्यायालय इस मामले पर एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान विदेशों में गुप्त तरीके से जमा कराए गए धन को करापवंचन का मामला ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय संपत्ति की लूट बताया है.