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जयराम रमेश का दर्जा बढ़ा, कैबिनेट फेरबदल में पर्यावरण मंत्रालय छीना

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुए विवादास्पद मंत्री जयराम रमेश को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया और उन्हें पर्यावरण मंत्रालय से हटा दिया गया. इस फेरबदल में वी किशोर चंद्र देव सहित आठ नये चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई और सात मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. हालांकि आज का मंत्रिमंडल व्यापक रहा, लेकिन इसे अभी अधूरा माना जा रहा है.

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुए विवादास्पद मंत्री जयराम रमेश को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया और उन्हें पर्यावरण मंत्रालय से हटा दिया गया. इस फेरबदल में वी किशोर चंद्र देव सहित आठ नये चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई और सात मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. हालांकि आज का मंत्रिमंडल व्यापक रहा, लेकिन इसे अभी अधूरा माना जा रहा है.

मंत्रिमंडल में एक बड़ा फेरबदल करते हुए प्रधानमंत्री ने वीरप्पा मोइली से कानून मंत्रालय लेकर सलमान खुर्शीद के हवाले कर दिया. उच्चतम न्यायालय में कई मामलों पर सरकार की फजीहत के कारण संभवत: प्रधानमंत्री ने यह कदम उठाया.

मंत्रिमंडल के बहुचर्चित पुनर्गठन में मनमोहन सिंह ने ‘चार बड़ों’ वित्त, गृह, रक्षा और विदेश मामले को नहीं छुआ और दूरसंचार तथा नागर विमानन सहित चार मंत्रालयों का अतिरिक्त प्रभार भी यथावत रहा.

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तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी का दर्जा बढ़ाकर उन्हें केबिनेट में जगह दी गई और उन्हीं की पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी द्वारा छोड़ा गया रेल विभाग उन्हें सौंप दिया गया.

बेनी प्रसाद वर्मा को केन्द्रीय इस्पात मंत्री बनाया गया. इससे पहले वह स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री के तौर पर यही मंत्रालय देख रहे थे.

मंत्रिमंडल में शामिल अन्य नये चेहरों में जयंती नटराजन (पर्यावरण और वन), डिब्रुगढ़ के सांसद पवन सिंह घाटोवार (पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास विभाग), तृणमूल कांग्रेस नेता सुदीप बंदोपाध्याय (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण), अलवर के सांसद जितेन्द्र सिंह (गृह), मिलिंद देवड़ा (संचार और सूचना एवं प्रौद्योगिकी) और राजीव शुक्ला (संसदीय मामले) शामिल हैं.

मंत्रिमंडल से हटाए गए मंत्रियों में एम एस गिल (सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन), बी के हांडिक (पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास विभाग), कांतिलाल भूरिया (आदिवासी मामले), मुरली देवड़ा (कोरपोरेट मामले) और दयानिधि मारन (कपड़ा) शामिल हैं.

मारन ने 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में नाम आने के बाद पिछले सप्ताह बढ़ती उम्र के बहाने इस्तीफा दे दिया था और ऐसी खबर है कि उन्होंने अपनी जगह अपने पुत्र के लिए मंत्रिमंडल में जगह मांगी थी.

नये मंत्रियों के आज शाम राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण करने के बाद मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल की क्षमता एक मंत्री के इजाफे के बाद 68 पर पहुंच जाएगी. मंत्रिमंडल में आठ नाम जुड़े हैं, जबकि सात हटाए गए हैं. रमेश को सक्रिय मंत्री के तौर पर देखा जाता था, लेकिन पर्यावरण से जुड़े मामलों से निपटने के दौरान कुछ विवादों में घिरने के कारण उन्हें केबिनेट में ग्रामीण विकास विभाग में भेज दिया गया.

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मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करने की कवायद अभी अधूरी मालूम होती है क्योंकि कपड़ा और जल संसाधन के अतिरिक्त प्रभार क्रमश: आनंद शर्मा और पी के बंसल को दिए गए हैं. शर्मा के पास वाणिज्य एवं उद्योग और बंसल के पास संसदीय मामले पहले से है.

मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल दूरसंचार का अतिरिक्त प्रभार संभाले हुए हैं, जबकि प्रवासी भारतीय मामले मंत्री वयालार रवि के पास नागर विमानन विभाग का अतिरिक्त प्रभार है.

डीएमके के प्रतिनिधि ए राजा के 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में आरोपों से घिरने के बाद इस्तीफा देने के कारण दूरसंचार विभाग सिब्बल के हवाले किया गया था.

डीएमके के किसी प्रतिनिधि को राजा और मारन के स्थान पर मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है. कुछ विभागों को अतिरिक्त प्रभार के तौर पर रखा गया है ताकि अगर डीएमके अपने प्रतिनिधि भेजना चाहे तो उन्हें मंत्रिमंडल में मुनासिब जगह दी जा सके. ऐसी उम्मीद है कि डीएमके कोयंबटूर में 23-24 जुलाई को होने वाली महासभा में इस मामले पर कोई फैसला कर सकती है.

आंध्र प्रदेश के वयोवृद्ध सांसद वी किशोर चंद्र देव ने पहली बार मंत्रिमंडल में कदम रखा. एस जयपाल रेड्डी के बाद राज्य से मंत्रिमंडल में पहुंचे वह दूसरे मंत्री हैं.

श्रीकांत जेना ने 2009 में राज्य मंत्री बनाए जाने के बाद नाराजगी जाहिर की थी. उन्हें सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है. हालांकि वह रसायन और उर्वरक विभाग में राज्य मंत्री बने रहेंगे, जबकि डीएमके के एम ए अलागिरी इस विभाग में केबिनेट मंत्री रहेंगे.

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जेना 1996-97 की संयुक्त मोर्चा सरकार में केबिनेट मंत्री थे. छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के अकेले सांसद चरण दास महंत ने कृषि और खाद्य संस्करण में राज्य मंत्री के तौर पर मंत्रिमंडल में प्रवेश किया है.

गुरूदास कामत को गृह और संचार मंत्रालय से एक नये मंत्रालय पेयजल और स्वच्छता में स्वतंत्र प्रभार के साथ भेजा गया है. ग्रामीण विकास मंत्री विलासराव देशमुख को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान में भेजा गया है.

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