प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कनाडा से कहा है कि भारत के बाहर कई ऐसे तत्व हैं, जो सिख आतंकवाद के मुद्दे को जीवित रखना चाहते हैं. उन्होंने कनाडा से कहा कि वह अपनी धरती का उपयोग भारत-विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल होने से रोके.
जी-20 सम्मेलन में भाग लेने यहां आए मनमोहन ने टोरंटो स्टार को दिए साक्षात्कार में कहा ‘‘सिख चरमपंथ, अलगाववाद और आतंकवाद भारत में दो दशक से पहले एक समस्या थी. आज पंजाब शांति, समृद्धि और प्रगति का प्रतीक है.’’
उन्होंने कहा ‘‘हालांकि भारत के बाहर, कनाडा समेत दूसरे देशों में ऐसे तत्व हैं, जो अपने उद्देश्यों के चलते इस मुद्दे को जीवित रखना चाहते हैं. कई मामलों में ऐसे तत्वों के आतंकवाद से संबंध होते हैं.’’ अखबार ने कहा कि मनमोहन ने अपने कनाडाई समकक्ष स्टीफन हार्पर से अपनी पिछली दो बैठकों में भी कहा था कि वह कनाडा में सिख चरमपंथ पर लगाम कसें.{mospagebreak}प्रधानमंत्री मनमोहन ने कहा ‘‘उनकी गतिविधियां दोनों देशों की सरकारों के लिए चिंता का सबब हैं. हमने इस बारे में कनाडा के अधिकारियों से बात की है. हमने उन्हें संकेत दिया है कि कनाडा में सिख चरमपंथ, जिसे भारत में किसी तरह का समर्थन नहीं है, कनाडा के लिए अच्छा नहीं है.’’
मनमोहन ने कहा ‘‘हमारा मानना है कि इस मुद्दे पर निगरानी और दोनों देशों के बीच करीबी सहयोग बहुत जरूरी है.’’ वर्ष 1984 के सिख दंगों के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा ‘‘यह कहना सही नहीं होगा कि भारत 1984 के दंगों के जिम्मेदार लोगों को कानून की जद में लाने में असफल रहा है.’’ उन्होंने कहा ‘‘इस मामले में अभी एक न्यायिक आयोग बनाया गया है. सीबीआई द्वारा तय किए गए आरोपों के आधार पर हाल ही में दिल्ली की सत्र अदालत में एक मामले की सुनवाई भी हुई.’’