प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को कनाडा और सिख समुदाय को स्पष्ट तौर पर बताया कि कनाडा की धरती को भारत के खिलाफ उग्रवाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जाएगी और उम्मीद जताई कि कनाडा सरकार यहां की घटनाओं के प्रति जागरूक रहेगी.
मनमोहन ने कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कनाडा में बसा सिख समुदाय खुशहाल है और कनाडाई जीवन से भली भांति घुला मिला है. इनमें से अधिकतर लोग अमनपसंद हैं और कनाडा के अच्छे नागरिक हैं, लेकिन लोगों के एक छोटे से समूह ने उग्रवाद का रास्ता पकड़ लिया है, जिसने सिख समुदाय के साथ ही भारत और कनाडा के अच्छे रिश्तों को बहुत नुकसान पहुंचाया है.’’{mospagebreak}संयोग से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ऐसे मौके पर कनाडा की यात्रा पर हैं, जब एयर इंडिया के विमान ‘कनिष्क’ में हुए विस्फोट के हादसे को 25 बरस होने वाले हैं. 1985 में संदिग्ध खालिस्तानी उग्रवादियों ने इस विमान में विस्फोट किया था, जिसमें 329 लोगों की जान गई थी.
सिंह, जो स्वयं भी सिख समुदाय से हैं, ने उम्मीद जताई कि सिख समुदाय अपने धार्मिक संस्थानों और अन्य जगहों को आतंकवाद को बढ़ावा देने में इस्तेमाल नहीं होने देगा. उन्होंने कहा, ‘‘ धार्मिक श्रेणी का उग्रवाद समन्वित विश्व समुदाय और वैश्वीकृत समुदाय की बढ़ती वास्तविकताओं के हित में नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि विविध पृष्ठभूमि और विचारों वाले लोगों को खुशहाली के भागीदारों के तौर पर एक साथ मिलकर रहना सीखना होगा.{mospagebreak}मनमोहन ने कहा, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री हार्पर के साथ इस बारे में विचार विमर्श किया है कि कनाडा की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए न किया जाए. प्रधानमंत्री ने मुझे बताया कि ऐसे कानून हैं, जिनमें इस संबंध में रोक का प्रावधान है और वह प्रभावी है, लेकिन मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री हार्पर की सरकार तमाम गतिविधियों के प्रति पूरी तरह जागरूक रहेगी.’’