scorecardresearch
 

निर्मल यादव के खिलाफ चलती रहेगी सुनवाई

उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2008 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की एक न्यायाधीश के घर पर धन पहुंचाने की घटना में न्यायमूर्ति निर्मल यादव के खिलाफ चल रहा मुकदमा निरस्त करने से इंकार कर दिया है. इस घटना के वक्त न्यायमूर्ति निर्मल यादव पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में न्यायाधीश थी.

Advertisement
X

Advertisement

उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2008 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की एक न्यायाधीश के घर पर धन पहुंचाने की घटना में न्यायमूर्ति निर्मल यादव के खिलाफ चल रहा मुकदमा निरस्त करने से इंकार कर दिया है. इस घटना के वक्त न्यायमूर्ति निर्मल यादव पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में न्यायाधीश थी.

न्यायमूर्ति एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति चंद्रमौलि कुमार प्रसाद की पीठ ने सोमवार को कहा कि न्यायमूर्ति निर्मल यादव को इस मामले की सुनवाई कर रही अदालत के समक्ष अपनी आपत्तियां उठा सकती हैं. न्यायाधीशों ने निचली अदालत से यह भी कहा है कि वह, न्यायमूर्ति यादव के खिलाफ सुनवाई की अनुमति देने के उच्च न्यायालय के फैसले से प्रभावित हुए बिना ही उनके मामले का फैसला करे.

न्यायमूर्ति निर्मल यादव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के टी एस तुलसी ने कहा कि उन्हें (यादव को) वह सामग्री मुहैया नहीं कराई गई है जिसके आधार पर उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ मामले में फैसला सुनाया था.

Advertisement

न्यायमूर्ति यादव ने उन पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने के उच्च न्यायालय के निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे रखी है. उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति यादव ने सीबीआई का आरोपपत्र रद्द किए जाने का अनुरोध किया था. याचिका में दावा किया गया था कि प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस एच कपाडिया को उन पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने का अधिकार नहीं था क्योंकि इससे पहले उनके पूर्ववर्ती प्रधान न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था.

Advertisement
Advertisement