होटल व्यवसायी संत चटवाल ने इन आरोपों को निराधार बताया कि वह 2008 में संप्रग सरकार के विश्वास मत हासिल करने से संबंधित ‘नोट के बदले वोट’ मामले में शामिल थे.
पद्म भूषण प्राप्त चटवाल ने कहा कि उस समय (जून, जुलाई और अगस्त) मैं भारत में नहीं था, मैं अमेरिका में था. मैंने प्रधानमंत्री कार्यालय या अकाली दल सहित अन्य किसी से भी कोई संपर्क नहीं किया. विकीलीक्स के आरोप मेरे लिए सबसे बड़ा आश्चर्य है.
उन्होंने कहा कि जहां तक मेरा सवाल है तो सभी रिकार्ड उपलब्ध हैं कार्यालय या आवास को मैंने कोई ईमेल कोई फोन और कोई मोबाइल फोन नहीं किया. यहां तक कि अकाली दल से भी मैंने कोई संपर्क नहीं किया.
चटवाल ने कहा कि भारत की आंतरिक राजनीति में मेरी कोई रुचि नहीं है, नि:संदेह मैं सभी राजनीतिक दलों और नेताओं भारतीय जनता पार्टी समाजवादी पार्टी अमर सिंह कांग्रेस को जानता हूं. मेरा एकमात्र उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच संबंध विकसित करने का था.
उन्होंने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे भाजपा सत्ता में थी तो मैं बिल क्लिंटन को ले गया. जब कांग्रेस सत्ता में थी तो मैंने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार के लिए लगातार काम किया. कोई भी इस बात की पड़ताल कर सकता है कि अकाली दल के साथ भारत की आंतरिक राजनीति में उनकी कोई संलिप्तता नहीं है.