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अमर सिंह को मिली अंतरिम जमानत

दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2008 के ‘वोट के बदले नोट’ मामले में राज्य सभा सदस्य अमर सिंह को स्वास्थ्य कारणों को लेकर 19 सितंबर तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी.

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अमर सिंह
अमर सिंह

दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2008 के ‘वोट के बदले नोट’ मामले में राज्य सभा सदस्य अमर सिंह को स्वास्थ्य कारणों को लेकर 19 सितंबर तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी.

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समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह (55) को विशेष न्यायाधीश संगीता ढींगरा सहगल ने अंतरिम जमानत दी. सिंह नौ दिनों के न्यायिक हिरासत में थे. गौरतलब है कि इस मामले में कथित भूमिका को लेकर सिंह छह सितंबर को अदालत में पेश हुए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.

सिंह अपने गुर्दे का प्रतिरोपण करा चुके हैं. उन्हें उल्टी और दस्त की शिकायत के बाद 12 सितंबर को एम्स में भर्ती कराया गया था. अदालत ने उन्हें दो लाख रुपये का निजी मुचलका और इतनी की ही जमानत राशि पर अंतरिम जमानत दी है.

न्यायाधीश ने सिंह को अपना पासपोर्ट अदालत में जमा करने और उसकी इजाजत के बिना दिल्ली नहीं छोड़ने का निर्देश देते हुए कहा, ‘अमर सिंह को 19 सितंबर तक के लिए अंतरिम जमानत दी गई है.’ अदालत सिंह की जमानत याचिका पर 19 सितंबर को सुनवाई करने वाली है. गौरतलब है कि अदालत ने इससे पहले सिंह की अंतरिम जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.

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अदालत ने बचाव एवं अभियोजन पक्ष की दलीलों को संक्षिप्त रूप से सुनने के बाद ऐसा किया था. सिंह के वकील हरिहरन ने एम्स द्वारा दी गई मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर बुधवार को अंतरिम जमानत की मांग की थी और दलील दी थी कि तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने इससे पहले अदालत को गुमराह करने वाली रिपोर्ट दी थी. उन्होंने दलील दी, ‘जेल अधिकारियों द्वारा दी गई रिपोर्ट गुमराह करने वाली थी, जिसके चलते नौ अहम दिन पार हो गए.

गुमराह करने वाली रिपोर्ट के चलते अदालत को एम्स से रिपोर्ट मांगाने के लिए मजबूर होना पड़ा.’ हरिहरन ने कहा कि उनके मुवक्किल से अलग तरह का बर्ताव किया जा रहा था ‘क्योंकि वह अमर सिंह हैं.’ उनके स्वास्थ्य ने जमानत के लिए एक अच्छा आधार तैयार किया.

उन्होंने कहा, ‘मैं इसे गुमराह करने वाली कहता हूं क्योंकि जेल अधिकारियों ने कहा था कि मापदण्डों पर उनके स्वास्थ्य को सामान्य से थोड़ा बेहतर बताया गया था लेकिन मात्र एक गुर्दे वाले व्यक्ति के लिए सामान्य से इसका थोड़ा ऊपर रहना खतरनाक है. उस पर भी यह गुर्दा प्रत्यारोपित है.’

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