दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2008 के नोट के बदले वोट घोटाले में आरोपी तथा भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के पूर्व सहयोगी सुधींद्र कुलकर्णी की जमानत याचिका खारिज कर दी.
विशेष न्यायाधीश संगीता धींगरा सहगल ने कुलकर्णी के अलावा पूर्व भाजपा सांसदों फग्गन सिंह कुलस्ते और महावीर सिंह भगोरा को भी जमानत देने से इनकार कर दिया.
न्यायाधीश ने कहा कि खेद है मैं आप सभी को जमानत नहीं दे रही हूं. कुलकर्णी की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं. वे अदालत के समन के बाद 27 सितंबर को अदालत में पेश हुए थे.
कुलस्ते और भगोरा को छह सितंबर को राज्यसभा सदस्य अमर सिंह के साथ गिरप्तार किया गया था.
जमानत अर्जियों को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि आरोपियों को जब अवैध धन मिला, तो उनके पास कानून प्रवर्तन एजेंसियों को जानकारी देने के लिए पर्याप्त समय था.
तीनों आरोपियों के अलावा राज्यसभा सदस्य अमर सिंह, उनके पूर्व सहयोगी संजीव सक्सेना और भाजपा कार्यकर्ता सुहैल हिंदुस्तानी भी मामले में शामिल रहने के आरोप में न्यायिक हिरासत में हैं. अदालत ने आरोपियों के कृत्य को गंभीर की संज्ञा दी.
न्यायाधीश ने एक निजी टीवी चैनल द्वारा कराये गये स्टिंग आपरेशन की सीडी का भी जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सांसदों को रिश्वत लेते देखा गया है.
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने अपने आरोपपत्र में कुलकर्णी को नोट के बदले वोट घोटाले का सूत्रधार बताते हुए कहा है कि वह मामले के साजिशकर्ताओं के साथ संपर्क में रहे और भाजपा सांसदों को ‘अवैध रिश्वत’ दिये जाते वक्त मौजूद थे.
पुलिस ने कहा था कि कुलकर्णी को इस बात का पता था कि भाजपा के तीन सांसदों- कुलस्ते, भगोरा और अशोक अर्गल को धन का भुगतान किया गया है, लेकिन उन्होंने इस बारे में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सूचित नहीं किया.
कुलकर्णी पर आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) तथा भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है.