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साल 2011 की जनगणना में किन्नर की होगी अलग श्रेणी

सरकार ने तकनीकी सलाहकार समिति की उन अनुशंसाओं को मान लिया है जिसमें साल 2011 की जनगणना में किन्नर को अलग श्रेणी में रखने की बात कही गई थी.

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सरकार ने तकनीकी सलाहकार समिति की उन अनुशंसाओं को मान लिया है जिसमें साल 2011 की जनगणना में किन्नर को अलग श्रेणी में रखने की बात कही गई थी.

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ट्रांसजेंडरों को अलग श्रेणी में रखने की मांगों के बाद गृह मंत्रालय ने मामले को समिति के पास भेज दिया था. उसने पुरुष और महिला के अतिरिक्त तीसरी श्रेणी रखने को मंजूरी दे दी थी.

रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) के कार्यालय ने एक आरटीआई आवेदन के जवाब में कहा कि तकनीकी सलाहकार समिति की अनुशंसा के अनुरूप ‘किन्नर’ को अन्य के तहत अलग कोड यानि की 3 दिया जाएगा. साल 2011 की जनगणना में एक पुरुषों का और दो महिलाओं का कोड होगा.

बरेली निवासी कार्यकर्ता एस ई हुडा के एक आरटीआई आवेदन के जवाब में आरजीआई ने कहा, ‘कोड-3 को चुनना उत्तरादाता की मर्जी पर छोड़ दिया गया है.’ मौजूदा प्रचलन के तहत उस समुदाय को फिलहाल पुरुषों की श्रेणी में रखा जाता है. टीएसी ने जनगणना के दौरान प्रस्ताव रखा था कि पुरुषों को एक, महिलाओं को दो और किन्नरों को कोड संख्या तीन दी जाएगी. इसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है.

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हुडा के नेतृत्व वाली एक गैर सरकारी संस्था ने प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति सचिवालय, गृह मंत्रालय के समक्ष याचिका देकर किन्नरों को अलग श्रेणी में रखने की मांग की थी. उसने उच्चतम न्यायालय के समक्ष भी याचिका दायर की है.

इस बीच, योजना आयोग ने भी यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया की परियोजना में किन्नरों के लिए अलग श्रेणी रखने की अनुशंसा की है. एक अन्य आरटीआई आवेदन के जवाब में इसका खुलासा किया गया है.

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