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देशभर में आज से शुरू होगा जनगणना अभियान

देश के इतिहास में सबसे बड़ा जनगणना अभियान आज से शुरू होगा. इसके तहत एक ही डेटाबेस में 1.2 अरब लोगों को शामिल किया जाएगा. साल 2011 की राष्ट्रीय जनगणना परियोजना पर 2200 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसमें राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल पहली शख्सियत होंगी जिनसे जनगणना की यह प्रक्रिया शुरू होगी.

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देश के इतिहास में सबसे बड़ा जनगणना अभियान आज से शुरू होगा. इसके तहत एक ही डेटाबेस में 1.2 अरब लोगों को शामिल किया जाएगा. साल 2011 की राष्ट्रीय जनगणना परियोजना पर 2200 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसमें राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल पहली शख्सियत होंगी जिनसे जनगणना की यह प्रक्रिया शुरू होगी. इस कार्य में 25 लाख लोगों को लगाया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि देश के प्रत्येक नागरिक को इसमें शामिल किया जा सके.

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जनगणना कार्य में लगे लोग पहली बार देश के निवासियों से मोबाइल फोन, कंप्यूटर, इंटरनेट, परिशोधित पानी की सुविधा है अथवा नहीं इस विषय में जानकारी इकट्ठा करेंगे. इसके तहत लोगों के फिंगर प्रिंट्स और तस्वीरें भी ली जाएंगी ताकि सरकार को योजना तैयार करने और देश की सुरक्षा को मजबूत बनाने में मदद मिल सके.

सरकार ने साफ कर दिया कि जाति के बारे में कोई सूचना एकत्र नहीं की जाएगी क्योंकि स्वतंत्र भारत में कोई भी जाति आधारित जनगणना नहीं की गई है. सरकार इस जनगणना में अपने 28 राज्यों और सात केंद्रशासित प्रदेशों में रहने वाले 1.2 अरब लोगों में से प्रत्येक सदस्य की पहचान करने का प्रयास करेगी. संभवत: यह देश की सर्वाधिक महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय परियोजना है. इस अभियान के पूरा होने के बाद एक राष्ट्रीय आबादी रजिस्टर (एनपीआर) तैयार किया जाएगा जिसके तहत एक डेटाबेस में देश की समूची आबादी के बारे में सरकार के पास सूचना होगी.

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{mospagebreak}गृह सचिव जी के पिल्लै ने कहा, ‘एकबार एनपीआर को तैयार कर लिया जाएगा तो हमारे पास समूची आबादी की तस्वीरें होंगी. पहली बार हम देश के सभी निवासियों के बारे में खास सूचना हासिल करने में सक्षम होंगे.’ एक बार एनपीआर तैयार हो जाएगा तब सरकार प्रत्येक नागरिक को यूनिक नंबर देगी.

जनगणना कार्य पर 2209 करोड़ रुपये की लागत आएगी जबकि एनपीआर तैयार करने की योजना के लिए स्वीकृत लागत 3539.24 करोड़ रुपये है.

यह पहला मौका है जब एनपीआर तैयार किया जा रहा है. डेटाबेस को तैयार करने, उसका रख-रखाव करने और अद्यतन करने का काम रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर आफ इंडिया करेंगे.

साल 2011 की जनगणना दो चरणों में की जाएगी. पहला चरण हाउसलिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस के नाम से जाना जाएगा. इस कार्य को अप्रैल और जुलाई के बीच किया जाएगा, जो विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सुविधा पर निर्भर करेगी. यह कार्य प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में 45 दिनों से अधिक की अवधि में किया जाना है. इस प्रकार कोई राज्य एक अप्रैल से शुरू करके 15 मई और आगे तक इस काम को पूरा करेगा. एनपीआर तैयार करने के लिए आवश्यक विवरणों को भी इसी चरण के दौरान जुटाया जाएगा.

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दूसरे चरण को जनगणना चरण कहा जाएगा. इसे पूरे देश में एकसाथ नौ से 28 फरवरी, 2011 के बीच किया जाएगा. जनगणना के तहत देश के सभी 640 जिले, 5767 तहसीलों, 7742 शहरों और छह लाख से अधिक गांवों को शामिल किया जाएगा. 24 करोड़ से अधिक घरों में जाकर 1.2 अरब लोगों के बारे में सूचना इकट्ठा की जाएगी.

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