scorecardresearch
 

एक अप्रैल से शुरू होगी जनगणना 2011 की प्रक्रिया

राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल एक अप्रैल को देश की जनगणना 2011 की प्रक्रिया की विधिवत शुरूआत करेंगी. यह जनगणना दो चरणों में होगी तथा पहली बार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) भी तैयार किया जायेगा. इसके तहत पहली बार नागरिकों का एक व्यापक पहचान डाटाबेस भी तैयार किया जाएगा.

Advertisement
X

Advertisement

राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल एक अप्रैल को देश की जनगणना 2011 की प्रक्रिया की विधिवत शुरूआत करेंगी. यह जनगणना दो चरणों में होगी तथा पहली बार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) भी तैयार किया जायेगा. इसके तहत पहली बार नागरिकों का एक व्यापक पहचान डाटाबेस भी तैयार किया जाएगा.

गृह मंत्री जी के पिल्लई ने नई दिल्‍ली में संवाददाताओं को बताया कि भारत जनगणना 2011 की प्रक्रिया एक अप्रैल को शुरू होकर एक जून को समाप्त हो जायेगी और यह दो चरणों में होगी. आजादी के बाद की यह 7वीं जनगणना होगी. इसमें 25 लाख कर्मचारी कार्य करेंगे . इसमें देश के सभी 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रहने वाले 1.2 अरब निवासियों को कवर किया जाएगा.

एक अप्रैल को राष्ट्रपति के साथ ही उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह भी जनगणना फार्म भरेंगे. उन्होंने कहा कि पहले चरण में एक अप्रैल से सितंबर तक घर घर जाकर सूची तैयार की जायेगी और एनपीआर के लिए आंकडे एकत्र किये जायेंगे जबकि दूसरा चरण अगले साल 9 फरवरी से 28 फरवरी तक चलेगा.
पिल्लई ने बताया कि 1 से 6 अप्रैल तक जनगणना प्रक्रिया नई दिल्ली (कुछ हिस्सा), प बंगाल, असम, अंडमान-निकोबार द्वीप, गोवा और मेघालय में, 7 से 14 अप्रैल तक केरल, लक्ष्यदीप, उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, सिक्कम में चलाई जाएगी. 15 से 20 अप्रैल तक कर्नाटक, अरूणाचल प्रदेश और चण्डीगढ में, 21 से 25 अप्रैल तक गुजरात, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव में, 26 से 30 अप्रैल तक त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश में, एक से 6 मई तक हरियाणा, छत्तीसगढ, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड और महाराष्ट्र में, 7 से 14 मई तक मध्य प्रदेश में, 15 से 31 मई तक जम्मू कश्मीर, मणिपुर, मिजोरम, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में तथा 1 जून को तमिलनाडु, पांडिचेरी, हिमाचल प्रदेश और नागालैंड में होगी.

Advertisement

उन्होंने कहा कि बिहार और झारखंड के बारे में अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. राज्य सरकारों से संपर्क जारी है.

पिल्लई ने कहा कि इस जनगणना के दौरान देश के सभी 640 जिलों, 5767 तहसीलों, 7742 शहरों, और 6 लाख से अधिक गांवों को कवर किया जायेगा. इस दौरान करीबन 24 करोड घरों का दौरा किया जायेगा और इस प्रक्रिया के दौरान एक अरब 20 करोड लोगों की गिनती की जायेगी. उन्होंने कहा कि इतने बडे कार्य को पूरा करने के लिए करीबन 25 लाख अधिकारी और कर्मचारी शामिल किये गये है.
एक प्रश्न के उत्तर में पिल्लई ने कहा कि जनगणना और एनपीआर को तैयार करने में कुल 5956 करोड रुपये की राशि खर्च होगी जिसमें जनगणना में करीबन 2209 करोड रुपये की राशि खर्च होगी और एनपीआर की तैयारी के लिए पहले ही 3756करोड रुपये की राशि मंजूर की गयी है . उन्होंने कहा कि भारतीय जनगणना पूरी हो जायेगी तो यह जनसांख्यिकी, अर्थव्यवस्था, गतिविधियां, साक्षरता, शिक्षा, घर और घरों में रहने वालों की संख्या, शहरीकरण, प्रजनन, मृत्युदर, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, भाषा, धर्म, विकलांगता और अन्य आर्थिक और सामाजिक तथा जनसांख्यिकी (1872 से 2011 तक) के बारे में जानकारी हासिल करने का सबसे बडा स्रोत होगी.

Advertisement

एक प्रश्न के उत्तर में पिल्लई ने कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा से लगे क्षेत्रों में नियुक्त सभी जिला मजिस्ट्रेटों से कहा गया है कि वे विशेष सतर्कता बरतें क्योंकि हो सकता है कि कुछ लोग सीमा पार से आकर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में अपना नाम दर्ज कराने का प्रयास करें.

इसमें 11 हजार 631 मीट्रिक टन कागज लगेगा, 64 करोड सूची पत्र 16 भाषाओं में प्रकाशित किये जायेंगे, 81 लाख नियम पुस्तिकाएं 18 भाषाओं में तैयार की जायेगी.

Advertisement
Advertisement