केंद्रीय संसदीय कार्य और कृषि राज्य मंत्री हरीश रावत ने कहा है कि केंद्र सरकार देशभर में गुडस एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को लागू करने के लिए आम सहमति बनाने के प्रयास कर रही है. दरअसर केंद्र को इस मसले पर विपक्षी पार्टी बीजेपी का विरोध झेलना पड़ रहा है.
केंद्रीय संसदीय कार्य और कृषि राज्य मंत्री हरीश रावत ने कहा, ‘बीजेपी जीएसटी का विरोध कर उसके लागू होने में अनावश्यक रूप से रोड़े अटका रही है. लेकिन हम सभी बीजेपी-शासित प्रदेशों से बातचीत कर इस मसले पर उनका समर्थन हासिल कर आम राय बनाने की कोशिश कर रहे हैं.’
उन्होंने हांलांकि साफ किया कि यदि प्रयासों के बावजूद जीएसटी को लागू करने पर आम सहमति नहीं बन पाती है तो संप्रग सरकार उन राज्यों के साथ अलग से समझौता कर जीएसटी लागू कर सकती है जो इस प्रणाली को अपनाने को राजी हैं.
रावत ने कहा, ‘हमारा मानना है कि भाजपा-शासित प्रदेशों के विरोध के कारण ऐसे राज्यों को क्यों नुकसान उठाना पड़े जो जीएसटी लागू करने के पक्ष में हैं.’ एक प्रश्न के जबाव में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु और बिहार के साथ-साथ यूपीए के ज्यादातर सहयोगी दल जीएसटी लागू किये जाने के समर्थन में हैं. उन्होंने कहा, ‘बीजेपी-शासित प्रदेशों को छोड़कर लगभग बाकी सभी राज्य जीएसटी के पक्ष में हैं.’
हाल में केंद्र सरकार द्वारा लिये गये आर्थिक सुधारों संबंधी निर्णयों का जिक्र करते हुए रावत ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने के लिये भविष्य में ऐसे और कदम उठाये जायेंगे.
उन्होंने कहा, ‘आथिर्क सुधार यूपीए सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर है. बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष पूंजी निवेश (एफडीआई) की सीमा को बढ़ाकर 49 फीसदी करने जैसे कई और सुधार लाये जायेंगे.’ रावत ने कहा कि इसके अलावा बैंकिंग क्षेत्र में सुधारों के लिये भी अलग से एक विधेयक लाया जायेगा.