शहरों के क्रमबद्ध विकास के लिए चुस्त परिवहन प्रणाली को महत्वपूर्ण करार देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार ने 20 लाख से ज्यादा आबादी वाले सभी 19 शहरों में मेट्रो रेल की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने में समर्थन देने का फैसला किया है.
कोच्चि मेट्रो की 5,181 करोड़ रुपए की परियोजना की बुनियाद रखने के मौके पर सिंह ने कहा कि पहले ही 12 शहरों के लिए डीपीआर तैयार किया जा चुका है और सात शहरों में 476 किलोमीटर के नेटवर्क के लिए 1.15 लाख करोड़ रुपए की लागत से सात शहरों में मेट्रो रेल परियोजना लागू की जा रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रो में रोजाना करीब 22 लाख लोग सफर करते हैं.
दक्ष परिवहन प्रणाली को शहरों के क्रमबद्ध विकास के लिए महत्वपूर्ण सेवा करार देते हुए सिंह ने कहा कि मेट्रो रेल परिवहन प्रणाली का एक अंग मात्र है. उन्होंने कहा कि हमें अपने शहरों को बहुविध परिवहन प्रणाली के साथ विकसित करने की जरूरत है जिसमें बस और रेलगाड़ी जैसे सार्वजनिक परिवहन के विभिन्न माध्यमों का एकीकरण हो. मैं समझता हूं कि शहरी विकास मंत्रालय ने देश में सतत परिवहन के संवर्धन के लिए कई कदम उठाए हैं.
मेट्रो रेल परियोजनाओं को समर्थन देने की प्रक्रिया में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम्स और जवाहरलाल नेहरू नैशनल अर्बन रिन्यूअल मिशन के तहत शहर में बसों को मंजूरी भी शामिल है.
सिंह ने कहा कि जब तक शहरीकरण के साथ सेवा के प्रावधान का तालमेल नहीं बैठता हमें बेतरतीब शहरी विकास, झुग्गियों और ध्वस्त होते शहरों के बुनियादी ढांचे की गंभीर समस्याओं से जूझना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि फिलहाल करीब 28 फीसद लोग शहरों और कस्बों में रहते हैं और जो 2031 तक बढ़कर 40 फीसद हो जाने की उम्मीद है जिनकी तादाद 60 करोड़ होगी और वे सकल घरेलू उत्पादन के 70 फीसद से अधिक योगदान करेंगे.
सिंह ने कहा कि तेज गति से हो रहे शहरीकरण से प्रबंधन और नीति से जुड़ी अप्रत्याशित चुनौतियां सामने आ रही हैं जिस पर हमें काम करने की जरूरत है. प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र 11 शहरों में 5,000 करोड़ रुपए की लागत से 437 किलोमीटर के नेटवर्क के लिए बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम लागू करने में भी सहायता प्रदान कर रहा है.
जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन के तहत मिशन शहर के लिए करीब 15,000 लो-फ्लोर बसों का आवंटन किया गया है और जेएनएनयूआरएम बसों के लिए करीब 2,000 करोड़ रुपए की सहायता का वायदा किया गया है.
कोच्चि को सबसे तेजी से विकसित होता शहर करार देते हुए सिंह ने कहा कि यह सबसे महत्वपूर्ण बंदरगाहों में से एक है और इसके, वल्लारपदम के पास इंटरनैशनल कंटेनर ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल के परिचालन के लिए यह आर्थिक और लाजिस्टक केंद्र बनकर उभरने की उम्मीद है.
कोच्चि देश का आठवां शहर है जिसे मेट्रो की सुविधा मिलेगी. हाल ही में मंजूर अलुवा से पेट्टा तक की मेट्रो लाईन 25 किलोमीटर के दायरे में काम करेगी. केंद्र सरकार कुल परियोजना लागत में 1,000 करोड़ रुपए का योगदान करेगी.