वेस्टइंडीज के सीनियर बल्लेबाज शिवनरायण चंद्रपाल ने वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआईसीबी) पर निशाना साधते हुए कहा कि बोर्ड के असहज सवालों से उनकी बल्लेबाजी पर प्रतिकूल असर पड़ा.
डब्ल्यूआईसीबी के साथ चंद्रपाल के रिश्तों में उस समय खटास आ गई जब पाकिस्तान के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला के लिए बायें हाथ के इस बल्लेबाज को टीम में नहीं चुना गया.
चंद्रपाल ने कुछ दिन पहले खुलासा किया था कि प्रबंधन ने उन्हें संन्यास लेने को कहा था. उन्होंने कहा कि अगर उन पर बाहरी दबाव नहीं होता और उन्हें विभिन्न क्रम पर बल्लेबाजी करने को नहीं कहा जाता तो पिछले एक साल से अधिक समय में उनका प्रदर्शन बेहतर हो सकता था.
इस बल्लेबाज ने कहा कि मुझे लगता है कि अगर मौका मिलता तो मैं बड़े स्कोर बना सकता था. जब भी मैं सामंजस्य बैठाता और रन बनाने लगता तभी संदेश आने लगते कि मुझे क्या करना है और क्या नहीं करना है, कैसे बल्लेबाजी करनी है और कैसे बल्लेबाजी नहीं करनी.
उन्होंने स्थानीय रेडियो पर कहा कि मैं पिछले 17 बरस से ऐसा कर रहा हूं. जब जान डाइसन कोच थे तो उन्होंने मुझे कभी कुछ नहीं कहा. जब बेनेट किंग कोच थे तो वह कहते थे ‘तुम जाओ और अपना काम करो, हमें तुम्हें यह बताने की जरूरत नहीं है कि तुम्हें क्या करना है.’ मुझे तब कोई परेशानी नहीं थी.
चंद्रपाल ने कहा कि उन्हें कई बार बैठक के लिए बुलाया गया और उनके असहज सवाल पूछे गये. उन्होंने कहा कि मैच के बाद मुझे सवालों के जवाब देने होते थे. मुझे इन सवालों के जवाब देने होते थे और जब मैं ऐसा करता था, और यह उपयुक्त नहीं होते थे तो बैठक खत्म होने से पहले मुझे उन जवाबों पर सहमत होना पड़ता था जो वह चाहते थे.
चंद्रपाल ने कहा कि मुझे हर रोज या एक दिन छोड़कर बैठक के लिए बुलाया जाता था और घंटों सवाल जवाब होते थे. आप तब तक बैठक छोड़कर नहीं जा सकते थे जब उन्हें वह जवाब नहीं मिल जाये जो वह चाहते हैं. मुझे इन्हीं हालात से गुजरना पड़ा. जब आप बल्लेबाजी कर रहे होते हो तो आपके पास संदेश आते हैं कि कैसे बल्लेबाजी करनी है, आउट नहीं हो जाने तक ऐसा होता था.