लोकसभा चुनाव 2014 के लिए प्रधानमंत्री पद के सेकुलर उम्मीदवार संबंधी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान के बाद बिहार राजग में जदयू और भाजपा के बीच तल्ख बयानबाजी का सिलसिला भी जारी रहा और इस विवाद की आंच राष्ट्रपति चुनावों के मुद्दे तक भी पहुंची.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सेकुलर प्रधानमंत्री के उम्मीदवार का उठा विवाद दुर्भाग्यपूर्ण और निर्थक है. भाजपा की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल नहीं उठाये जाने चाहिए.
उन्होंने कहा कि जदयू को राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी पर समर्थन करने के अपने फैसले पर विचार करना चाहिए.
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने भाजपा को ठीक इसके उलट जवाब दिया और कहा कि भाजपा को पी ए संगमा को समर्थन देने के अपने निर्णय पर विचार करना चाहिए. भाजपा जदयू को सीख नहीं दें.
उन्होंने कहा कि महंगाई और देश की खराब आर्थिक हालात के लिए पूरी तरह प्रणब मुखर्जी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. वैश्विक अर्थव्यवस्था में आयी मंदी के कारण भारत में महंगाई बढी है और देश का निर्यात घटा है.
महंगाई को लेकर शिवानंद तिवारी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘तिवारी को याद रखना चाहिए उनके सहयोगी भी राजग में कभी मंत्री थे. राजग सरकार ने उस समय महंगाई पर काबू रखा था.’ उन्होंने कहा कि भाजपा ने संप्रग सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन और सुशासन देने में विफलता पर हमेशा से सवालिया निशान लगाया है.
वहीं जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए उन्हें कहा, ‘भाजपा को अपने रास्ते अलग कर लेने चाहिए. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी ठाकुर दिन में तारे देख रहे हैं. भाजपा और जदयू के बीच गठबंधन न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर है.’
उन्होंने कहा कि जदयू से अलग होकर भाजपा को आटा दाल का भाव मालूम चल जाएगा.