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घाटों से गंगा दूर, छठव्रतियों को अर्घ्‍य देने की चिंता

बिहार के अरवल जिले की कौशल्या देवी पिछले पांच वर्षों से पटना में आकर लोक आस्था का पर्व छठ कर रही हैं. इस दौरान वे गंगा के तट पर जाकर भगवान भास्कर को अर्घ्‍य अर्पित करती हैं. लेकिन इस वर्ष उन्हें यह चिंता सता रही है कि गंगा तट से सूर्य की स्तुति कैसे करेंगी? क्योंकि गंगा तो तट से काफी दूर चली गई हैं.

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बिहार के अरवल जिले की कौशल्या देवी पिछले पांच वर्षों से पटना में आकर लोक आस्था का पर्व छठ कर रही हैं. इस दौरान वे गंगा के तट पर जाकर भगवान भास्कर को अर्घ्‍य अर्पित करती हैं. लेकिन इस वर्ष उन्हें यह चिंता सता रही है कि गंगा तट से सूर्य की स्तुति कैसे करेंगी? क्योंकि गंगा तो तट से काफी दूर चली गई हैं.

ऐसा नहीं कि केवल कौशल्या की ही यह चिंता है. पटना और आसपास के आने वाले हजारों छठ व्रतियों को यह चिंता सताने लगी है कि गंगा की धारा के तटों से दूर हो जाने के कारण वे भगवान को अर्घ्‍य कैसे अर्पित करेंगी? वैसे राज्य के मंत्री सहित पूरा सरकारी महकमा इसकी जुगत में लगा है कि छठव्रतियों की किसी प्रकार की परेशानी न हो.

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अधिकारियों के अनुसार, पटना एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में गंगा नदी के किनारे 62 से अधिक निबंधित घाट हैं, जहां छठ पर्व पर व्रती सूर्य देव को अर्घ्‍य देने पहुंचते हैं. इनमें 20 से अधिक ऐसे घाट हैं, जहां तटों से गंगा की धारा दूर हो गई है. व्रतियों का मानना है कि छठ जैसे पावन पर्व को संस्कृति की जननी गंगा के तट पर करना छठ को और पावन बनाता है.

सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से बांकीपुर के विधायक नितिन नवीन ने कहा कि पटना के प्रसिद्घ कलेक्ट्रियट घाट से करीब दो किलोमीटर गंगा की अविरल धारा दूर हो गई है, जिस कारण व्रतियों के लिए समस्या पैदा हो गई है. लेकिन उन्होंने कहा कि वहां तक पहुंच पथ बनाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा, 'यह आहत करने वाली बात है कि हमारी ही करनी के फल के कारण गंगा की धारा इन घाटों से दूर हो रही हैं. दीपावली पर जितना गंदगी या पूजा सामग्री घरों या दुकानों से निकलती हैं, उन्हें गंगा के तटों पर फेंक दिया जाता है. महेंद्रु और अंटा घाट के अतिरिक्त कई घाटों से गंगा की धारा दूर हो गई है.'

पटना सिटी की नगीना देवी ने कहा कि घाटों से गंगा की धारा के दूर होना ही समस्या नहीं हैं, बल्कि घाटों पर गंदगी का अंबार लगा है, जिसे अब तक साफ नहीं करवाया गया है.
उधर, राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को गंगा तटों का जायजा लेकर अधिकारियों को कई निर्देश दिए, जिससे लोगों को यह उम्मीद बंधी है कि छठ के पूर्व घाट पूरी तरह व्रतियों के लिए तैयार हो जाएगा.

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मोदी ने कहा कि कलेक्ट्रियट घाट और बांकीपुर घाट पर अर्घ्‍य देने वाले के लिए नदी तक जाने के लिए चचरी या पीपा पुल बनाया जा रहा है. गंगा तटों पर छह घाटों के पास तालाब भी बनाए जा रहे हैं, जिसमें व्रती अर्घ्‍य दे सकेंगे.

उन्होंने दावा किया है कि गंगा के तटों पर सफाई का कार्य करीब-करीब पूरा कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि सभी घाटों पर सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए जाएंगे. इसके तहत प्रत्येक घाट पर दो गोताखोर मौजूद रहेंगे तथा रोशनी की पूरी व्यवस्था के साथ 32 मोटरबोट और पुलिस की गश्त का भी इंतजाम किया जाएगा. इस वर्ष 19 नवंबर को छठ पर्व है, जबकि उसके एक दिन पहले खरना होगा.

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