मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि राज्यसभा को समाप्त कर देना चाहिए, क्योंकि इसके सदस्य बनने के लिए बड़ी संख्या में राशि खर्च की जा रही है, जिससे संसद का यह ऊपरी सदन एक ‘बाजार’ की तरह हो गया है.
शिवराज सिंह चौहान ने हालांकि यह बयान देने के कुछ ही घंटे बाद इसके लिए खेद जताते हुए कहा कि राज्यसभा जैसे संवैधानिक संस्थाओं में उनकी गहरी आस्था है. चौहान ने किंगफिशर कंपनी के मालिक विजय माल्या का परोक्ष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि ‘किंगफिशर’ से लोग राज्यसभा में आ रहे हैं. माल्या के अन्य क्षेत्रों के अलावा शराब और उड्डयन उद्योग में व्यापारिक हित हैं दूसरी बार राज्यसभा सांसद बने हैं.
भाजपा नेता ने व्यंग्यात्मक ढंग से कहा, ‘‘जो लोग खर्च करते हैं एक तरह का निवेश करते हैं जिसे वे बाद में निकाल लेते हैं.’’ उन्होंने मध्य प्रदेश विधानसभा में चुनाव सुधारों पर क्षेत्रीय परिचर्चा में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि समय आ गया है जब राज्यसभा को समाप्त कर दिया जाए जिसके लिए प्रत्याशी बड़ी राशि खर्च करते हैं. इसके स्थान पर राज्यसभा सदस्यों के लिए लोकसभा में ही कोटा निर्धारित कर दिया जाना चाहिए.’’{mospagebreak}
उन्होंने कहा, ‘‘राज्यसभा सदस्य बनने के लिए प्रत्याशी भारी रकम खर्च कर रहे हैं.’’उन्होंने कहा कि पैसे की ताकत वाले व्यक्ति संसद के उपरी सदन में प्रवेश को इच्छुक हैं. चौहान ने कहा, ‘‘राज्यसभा की क्या जरुरत है? देश में पहले से ही लोकसभा जैसी शक्तिशाली संस्था है जिसे जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि चलाते हैं. राज्यसभा का गठन ऐसे लोगों के लिये किया गया था जो चुनाव नहीं लड़ सकते थे. मसलन वैज्ञानिक, कलाकार, लेखक और बुद्धिजीवी. लेकिन अब किंगफिशर के लोग राज्यसभा में पहुंच रहे हैं.’’
हालांकि बाद में जल्दबाजी में रात में अपने आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘चुनाव सुधार पर दिन में आयोजित एक संगोष्ठी में मैंने कुछ कहा था. मैं राज्य विधानसभाओं, लोकसभा और राज्यसभा की प्रतिष्ठा को बनाये रखने को लेकर चिंतित हूं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक राज्यसभा का सवाल है, यह एक संवैधानिक संस्था है, इसके लिए और इसमें सदस्यों के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है. मेरे बयान को यदि लोगों ने अन्यथा ले लिया है तो मैं इसके लिए खेद जताता हूं.’’ मुख्यमंत्री ने इस बारे में कोई भी प्रश्न का उत्तर देने से इनकार कर दिया.
चौहान ने राज्यसभा में माल्या की मौजूदगी की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘कभी किंगफिशर के लोग राज्यसभा पहुंच रहे हैं. राज्यसभा टिकट की खुली बिक्री हो रही है, यह एक बाजार सरीखा बन गया है, यह एक शर्म की बात है.’’ {mospagebreak}उन्होंने विचार व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘राज्यसभा चुनावों के स्थान पर एक ऐसी व्यवस्था बनायी जानी चाहिए जिसमें आंग्ल भारतीय को संसद में नामांकित किया जाये. उन्होंने कहा कि देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव पांच वर्ष पर एकसाथ कराये जायं.’’
उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव कराने से विकास गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं, क्योंकि चुनाव के समय चुनाव आचार संहिता लागू करनी होती है. उन्होंने साथ ही चुनावों में कालेधन के प्रयोग पर चिंता जताते हुए कहा कि इसे रोकने के लिए कदम उठाये जाने चाहिए.
चौहान ने चुनाव में सरकारी खर्च की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि चुनावों में कालेधन के इस्तेमाल पर रोक लगेगी. उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी पार्टी बिना कोष के नहीं चल सकती. एक ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए कि पार्टी के लिए आर्थिक मदद चेक से ही ली जाए.’’