छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में फिलहाल नक्सल विरोधी अभियान बंद कर दिया गया है. सुकमा के जिला कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन का नक्सलियों द्वारा अपहरण किये जाने के परिप्रेक्ष्य में ऐसा किया गया है.
सरकारी सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार ने नक्सल विरोधी अभियान में लगे सुरक्षाबलों को बस्तर क्षेत्र में माओवादियों के खिलाफ तब तक कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है, जब तक माओवादी अपहृत कलेक्टर को रिहा नहीं कर देते.
यह फैसला 2006 बैच के आईएएस अधिकारी मेनन की सुरक्षित रिहाई के मकसद से लिया गया है. उनका शनिवार को उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह सरकार के विशेष ग्राम सूरज अभियान के तहत एक बैठक कर रहे थे.
इस बीच नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों द्वारा लगातार किये जा रहे अपहरणों के मद्देनजर केन्द्र सरकार अपहरण जैसी घटनाओं से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए मानक कार्रवाई प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के लिए सभी राज्यों से सहयोग मांगने पर विचार कर रही है.
ओडिशा में नक्सलियों द्वारा दो इतालवी पर्यटकों और एक विधायक का अपहरण करने के बाद एसओपी तैयार करने की जरूरत महसूस की गयी.
सूत्रों ने बताया कि राज्यों के साथ सलाह मशविरा कर यदि एसओपी बनती है तो इसके तहत राज्यों और केन्द्र सरकार के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश होंगे कि अपहरण जैसे संकट से कैसे निपटा जाए और अपहरणकर्ताओं की मांगों को पूरा करने के लिए कितना झुका जाए.