2जी स्पेक्ट्रम मामले में गृह मंत्री पी चिदंबरम को लेकर उपजे विवाद के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच ‘वाकयुद्ध’ भाजपा के इस बयान के बाद और तेज हो गया कि चिदंबरम की जगह तिहाड जेल का वही कक्ष है, जहां पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा को बंद रखा गया है.
भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने मांग की कि अदालत को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और चिदंबरम दोनों की भूमिका की जांच का आदेश देना चाहिए क्योंकि जिस समय 2जी स्पेक्ट्रम का विवादास्पद आवंटन किया गया, चिदंबरम वित्त मंत्री थे.
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उधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि गृह मंत्री ने चूंकि संघ परिवार के आतंक के खिलाफ कार्रवाई की इसलिए उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ निशाना बना रहा है.
गृह मंत्री का जोरदार बचाव करते हुए सिंह ने कहा कि चिदंबरम ईमानदार और क्षमतावान व्यक्ति हैं और उनके खिलाफ किसी तरह के आरोप का कोई सवाल ही नहीं उठता है.
उन्होंने कहा कि भाजपा को अन्य लोगों के खिलाफ आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए. विशेषकर तब, जब ऐसे आरो चिदंबरम जैसे सक्षम मंत्री के खिलाफ हों.
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सिंह ने कहा कि इस मामले में चिदंबरम के खिलाफ आरोप मढना पूरी तरह गलत और अन्यायपूर्ण है.
इससे पहले भाजपा नेता सिन्हा ने कहा कि 2-जी स्पेक्ट्रम मामले में चिदंबरम के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और सीबीआई की अदालत में दी गयी इस दलील पर हंसी आती है कि चिदंबरम दोषी नहीं हैं. चिदंबरम की जगह तिहाड जेल का वही कक्ष है, जहां ए राजा को रखा गया है. सिन्हा ने प्रधानमंत्री को भी आडे हाथ लेते हुए कहा कि उन्हें 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर सभी घटनाक्रम की पूरी जानकारी थी.
सिन्हा ने कहा कि यदि आज ए राजा की कुछ सराहना की जाए तो इसी बात के लिए की जाएगी कि उन्होंने हर कदम पर प्रधानमंत्री को सूचित रखा. कोई भी नया घटनाक्रम होने पर उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा. सिन्हा ने कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से कम से कम 20 से 30 सवाल किये जाने की आवश्यकता है.
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उन्होंने कहा कि यदि इस सबके बावजूद प्रधानमंत्री चुप्पी साधे रहते हैं तो इसे चुप्पी नहीं बल्कि रजामंदी माना जाएगा. यदि इस मुददे से चिदंबरम का नाम जुडता है तो प्रधानमंत्री को पता है कि वह भी इससे बच नहीं सकते. सिन्हा ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री की भूमिका की जांच नहीं की गयी तो हम न्याय नहीं कर पाएंगे.
इस बीच भाकपा महासचिव ए बी बर्धन ने कहा कि वित्त मंत्रालय द्वारा चिदंबरम के खिलाफ काफी गंभीर आरोप लगाया गया है. उन्होंने उनकी भूमिका की भलीभांति जांच करने की मांग की.