गृहमंत्री पी चिदंबरम ने आज एक विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि दिल्ली में बलात्कार जैसे बढ़ते अपराधों के पीछे प्रवासी लोग जिम्मेदार हैं. उनके इस बयान के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है.
इस बयान के कुछ ही समय बाद गृहमंत्री ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उन्होंने किसी राज्य या धर्म या भाषा या जाति या धर्म की तरफ इशारा नहीं किया है. उनको इस बात का भान है कि जो कोई भी दिल्ली आता है वह प्रवासी है और उसमें वह खुद भी शामिल हैं. चिदंबरम ने कहा कि जब उनसे दिल्ली में हुई बलात्कार की घटनाओं और दिल्ली पुलिस की कथित असफलता के बारे में पूछा गया तो उनका उत्तर वास्तव में प्रवासन, अवैध आवास और अस्वीकार्य व्यवहार से था.
उन्होंने कहा कि वह इस बात से निराश हैं कि कुछ लोगों ने ‘प्रवासी’ शब्द पर ज्यादा जोर दिया और विवाद को बढ़ाया.
चिदंबरम ने कहा, ‘देश इस समय कई वास्तविक मुद्दों का सामना कर रहा है और वास्तविक मुद्दों से भटकाने की मेरी कोई इच्छा नहीं है. मैं प्रवासन या प्रवासियों के खिलाफ नहीं हूं. मैं खुद भी एक प्रवासी हूं. मैं केवल उस व्यवहार की तरफ इशारा कर रहा था जो अस्वीकार्य है. तथापि मैं समझता हूं कि इस पूरे विवाद को खत्म करने के लिये सबसे अच्छा तरीका अपने जवाब को वापस लेना है और मैं ऐसा कर रहा हूं.’ गृहमंत्री ने कहा, ‘मैं दिल्ली पुलिस समेत सभी से अनुरोध करूंगा कि वह वास्तविक मुद्दों अपराध, अपराध पर रोकथाम पर ध्यान केंद्रीत करें.’
गृहमंत्री ने कहा कि दो प्रकार के अपराध होते हैं -एक अवसर मिलने पर किया जाने वाला दूसरा साजिश रच कर. पुलिस पहले से सोचकर किये जाने वाले अपराधों को रोक सकती है लेकिन अवसरवादी अपराधों को वह केवल पहचान कर सकती है. उन्होंने कहा कि दोषियों को पकड़े तथा कानून के मुताबिक उन्हें दंड दे. उन्होंने कहा कि बलात्कार और हत्या से घृणित कोई अपराध नहीं है.
सोमवार सुबह चिदंबरम ने कहा कहा था, ‘तिस पर भी अपराध इसलिये हो रहे हैं क्योंकि दिल्ली में बड़ी संख्या में प्रवासी रहते हैं. यहां पर बड़ी संख्या पर अवैध कालोनियां हैं. ये प्रवासी शहर के पश्चिमोत्तर इलाके में रह रहे हैं और इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं जो किसी भी आधुनिक शहर में अस्वीकार्य है. इसलिये अपराध हो रहे हैं.’ राजधानी में हाल ही में हुयी बलात्कार की घटनाओं की निंदा करते हुए चिदंबरम ने कहा कि इस दिशा में कदम उठाये गये हैं. उन्होंने कहा कि नये पुलिस स्टेशनों की स्थापना की गई है, और पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई है और सड़क पर पुलिस वाहनों की संख्या बढ़ाई गई है ताकि कानून और व्यवस्था की स्थिति मजबूत की जा सके.
चिदंबरम की इस टिप्पणी की भाजपा, राजद और सपा के नेताओं ने कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि यह दिल्ली पुलिस की असफलता को छिपाने का प्रयास है.