अपने सैन्य विस्तार और दबदबे पर एशियाई पड़ोसियों के बीच बढ़ती चिंता के मद्देनजर चीन ने कहा है कि वह हथियारों की होड़ में नहीं लगा है या किसी देश के लिए कोई खतरा नहीं है.
अमेरिका की यात्रा पर आए चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ ने अमेरिका-चीन व्यापार परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि चीन कभी किसी विस्तारवादी नीति पर अमल नहीं करेगा. जिंताओ ने कहा, ‘चीन अशांत इलाकों के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय विवादों के शांतिपूर्ण हल के पक्ष में है और एक ऐसी राष्ट्रीय रक्षा नीति पर अमल करता है जो प्रकृति में रक्षात्मक है.’
चीनी राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम हथियारों की होड़ में नहीं उलझते या किसी देश के लिए सैन्य रूप से खतरा नहीं हैं. चीन कभी प्रभुत्व नहीं जमाना चाहेगा या किसी विस्तारवादी नीति पर नहीं चलेगा.’ जिंताओ ने अमेरिका के साथ चीन के रिश्तों के बारे में कहा कि दोनों देश के बीच रिश्तों का टिकाउ, मजबूत और अनवरत विकास उनके अवामों के मूलभूत हितों को पूरा करेगा. {mospagebreak}
जिंताओ ने अपनी चार दिन की यात्रा के अंतिम चरण में शिकागो रवाना होने से पहले कहा, ‘यह विश्व शांति और विकास के लिए भी साजगार होगा. साथ मिल कर काम करते हुए हम परस्पर सम्मान और परस्पर लाभ पर आधारित एक चीन-अमेरिका सहयोगात्मक साझेदारी बनाएंगे और हम अपने दोनों देशों और विश्व भर में लोगों को वृहत लाभ देंगे.’
चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन और अमेरिका दोनों एशिया-प्रशांत के विकास एवं खुशहाली के लिए कृतसंकल्प हैं. यह वह क्षेत्र है जहां अमेरिका और चीन के हित सबसे ज्यादा एक समान हैं. उन्होंने कहा, ‘चीन और अमेरिका ने कोरियाई परमाणु मुद्दे, अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर निकट संवाद एवं समन्वय बनाए रखा और वहां शांति, विकास, अच्छे पड़ोसी की भूमिका, परस्पर विश्वास और परस्पर लाभदायी सहयोग को बढ़ावा दिया.’