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अरुणाचल नीति में कोई बदलाव नहीं: चीन

चीन ने सोमवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश को ‘विवादास्पद क्षेत्र’ मानने की उसकी नीति में ‘कोई बदलाव नहीं’ आया है. कुछ दिन पहले ही चीन ने इस प्रदेश के दो खिलाड़ियों को नत्थी किया हुआ वीजा जारी किया था.

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चीन ने सोमवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश को ‘विवादास्पद क्षेत्र’ मानने की उसकी नीति में ‘कोई बदलाव नहीं’ आया है. कुछ दिन पहले ही चीन ने इस प्रदेश के दो खिलाड़ियों को नत्थी किया हुआ वीजा जारी किया था.

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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘पूर्वी क्षेत्र के विवादास्पद इलाके समेत चीन-भारत सीमा को लेकर चीन का रुख स्पष्ट और लंबे समय से कायम है और भारतीय पक्ष इस बात को जानता है. इस रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.’ भारत-चीन सीमा का पूर्वी हिस्सा अरुणाचल प्रदेश का है. इस मुद्दे पर समाधान के लिए दोनों पक्ष अब तक 14 दौर की वार्ता कर चुके हैं, लेकिन इसमें ज्यादा सफलता नहीं मिली है.

अरुणाचल प्रदेश के दो खिलाड़ियों को फुजियान प्रांत में वेटलिफ्टिंग ग्रां प्रि में भाग लेने के लिए जाना था. चीन की ओर से उन्हें नत्थी किया गया वीजा जारी किया गया. इस मुद्दे पर पिछले सप्ताह विवाद हुआ था, जिससे जुड़े सवाल का विदेश मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया है. इन दोनों को भारतीय आव्रजन अधिकारियों ने लौटा दिया था क्योंकि भारत ऐसे वीजा को मान्यता नहीं देता. {mospagebreak}

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विदेश मंत्रालय ने भी कहा है कि वह ऐसे वीजा को नहीं मानता. चीन का मानना है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अपना भाग है और इसलिए यहां के लोगों को वीजा की जरूरत नहीं है. बहरहाल, विदेश मंत्रालय ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या प्रदेश के लोगों को नत्थी किया गया या कागज पर वीजा देना उसकी पहले की प्रदेश के लोगों को वीजा न देने की नीति में कोई बदलाव के चलते उठाया गया कदम है.

चीन के सरकारी चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के भारत मामलों के विशेषज्ञ रोग यिंग ने कहा, ‘मुझे लगता है कि चीन की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है, लेकिन उन्हें आने-जाने की सुविधा देना अच्छा है.’

उन्होंने कहा कि नहीं तो विवाद के सुलझने तक उस इलाके के लोग चीन आ ही नहीं सकते थे. यहां के भारतीय अधिकारियों ने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि क्या चीन अरुणाचल प्रदेश को लेकर एक निश्चित वीजा नीति पर चलने वाला है क्योंकि मुख्यमंत्री दोरजी खांडू के अब के सलाहकार विशाल नाबाम 2006 में एक महीने के पर्यटक वीजा पर चीन गए थे, जबकि प्रदेश के एक प्रशासनिक अधिकारी को 2007 में वीजा देने से इनकार कर दिया गया था.

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अपनी हाल की भारत यात्रा के दौरान चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने वादा किया था कि वह इस मुद्दे का समाधान करेंगे. रोंग ने कहा कि चीन की कश्मीर नीति में भी कोई बदलाव नहीं आया है और बीजिंग अब भी मानता है कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर समेत अपने लंबित मुद्दे सुलझाने चाहिए.

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