scorecardresearch
 

चीन ने भी संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों का किया समर्थन

चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की भारत की दावेदारी को समर्थन देने पर सकरात्मक रुख अपनाते हुए मंगलवार को कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र में बड़ी भूमिका निभाने की भारत की आकांक्षाओं को समझता है और वह विश्व संस्था में सुधार के मामले पर भारत से सलाह मशविरे को तैयार है.

Advertisement
X

चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की भारत की दावेदारी को समर्थन देने पर सकरात्मक रुख अपनाते हुए मंगलवार को कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र में बड़ी भूमिका निभाने की भारत की आकांक्षाओं को समझता है और वह विश्व संस्था में सुधार के मामले पर भारत से सलाह मशविरे को तैयार है.

Advertisement

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेई ने कहा, ‘चीन अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत के स्तर को मानता है और बड़ी भूमिका निभाने की उसकी आकांक्षाओं को भी समझता है. चीन सुरक्षा परिषद में सुधार के विषय पर भारत और अन्य सदस्य देशों के साथ चर्चा करने को तैयार है.’

होंग ने कहा, ‘चीन संयुक्त राष्ट्र के यथोचित एवं आवश्यक सुधार का समर्थन करता है. वह सुरक्षा परिषद में विकासशील देशों को अधिक प्रतिनिधित्व देने को अधिक प्राथमिकता देना जारी रखेगा ताकि वे परिषद में बड़ी भूमिका निभा सकें.’ उन्होंने कहा कि चीन इस मामले में लोकतांत्रिक सलाह मशविरा चाहता है ताकि सुधार संबंधी विषय पर एक आम सहमति पर पहुंचा जा सके. {mospagebreak}

परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी), प्रक्षेपास्त्र तकनीक नियंत्रण व्यवस्था, आस्ट्रलियाई समूह और वासेनर व्यवस्था की सदस्यता के लिए भारत को अमेरिका का समर्थन देने संबंधी ओबामा के आश्वासन के बारे में पूछे जाने पर हेई ने कहा कि सभी देशों को परमाणु अप्रसार संबंधी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को समझना चाहिए.

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘चीन का मानना है कि परमाणु अप्रसार के अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन करने की प्रतिबद्धता जताने वाले देशो को परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण इस्तेमाल करने तथा इससे संबंधित अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्राप्त करने का अधिकार है. लेकिन इस दौरान ऐसे देश को अंतरराष्ट्रीय परमाणु अप्रसार का ईमानदारी एवं प्रभावशीलता से पालन करना चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘हम आशा करते हैं कि देशों के बीच सहयोग से क्षेत्रीय शांति, स्थायित्व ओर विकास में बढ़ोतरी होगी. सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का मामला भारतीय और चीन के नेताओं के बीच होने वाली बातचीत में उच्च प्राथमिकता वाला रहा है.’ लेई ने कहा, ‘राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की इस वर्ष हुई चीन यात्रा तथा उससे पहले विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा की यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी.’

Advertisement
Advertisement