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सुरक्षा परिषद में भारत की ‘बड़ी भूमिका’ को चीन का समर्थन

चीन ने सोमवार को भारत को एक बड़ा विकासशील देश करार देते हुए कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बड़ी भूमिका निभाने की नई दिल्ली की आकांक्षा को समझता है और इसका समर्थन भी करता है.

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चीन ने सोमवार को भारत को एक बड़ा विकासशील देश करार देते हुए कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बड़ी भूमिका निभाने की नई दिल्ली की आकांक्षा को समझता है और इसका समर्थन भी करता है.

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उसका कहना है कि वह सुरक्षा परिषद में ‘तर्कसंगत’ और ‘आवश्यक’ सुधार का पक्षधर है. पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि भारत के सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने में चीन की ओर से कोई प्रतिरोध पैदा नहीं होगा.

पुरी के बयान पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेई ने कहा कि बीजिंग संयुक्त राष्ट्र में भारत की बड़ी भूमिका निभाने की अकांक्षा को समझता है और उसका समर्थन भी करता है. उन्होंने कहा, ‘चीन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका को हमेशा महत्व दिया है क्योंकि वह एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था और एक बड़ा विकासशील देश है. बीजिंग सुरक्षा परिषद सहित पूरे संयुक्त राष्ट्र में भारत की बड़ी भूमिका निभाने की अकांक्षा को समझता है और उसका समर्थन भी करता है.’

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समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार लेई ने कहा, ‘हम सुरक्षा परिषद में तर्कसंगत और आवश्यक सुधार का समर्थन करते हैं. इसमें विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व बढ़ाना प्राथमिकता होनी चाहिए. सुधार के मुद्दे पर चीन भारत सहित संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों के साथ संवाद और संपर्क रखने को तैयार है. सुरक्षा परिषद में सुधार को लेकर हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.’

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार को लेकर सदस्य देशों के अलग-अलग विचार हैं और ऐसे में सभी पक्षों को लोकतांत्रिक ढंग से बातचीत जारी रखनी चाहिए ताकि किसी समाधान तक पहुंचा जा सके. सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में चीन एकमात्र ऐसा देश है, जिसने भारत की स्थायी सदस्यता के दावे का खुलकर समर्थन नहीं किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बीते साल नई दिल्ली में भारत की इस दावेदारी का खुलकर समर्थन किया था.

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