नोबेल पुरस्कार समारोह की पूर्व संध्या पर चीन ने दुनिया भर के देशों से इससे दूर रहने की अपील की है जबकि भारत और कुछ अन्य देशों ने इसमें शामिल होने का फैसला किया है.
इस समारोह में चीन के लोकतंत्र समर्थक नेता लियू श्याबाओ को इस वर्ष के नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जियांग यू ने भारत सहित कई देशों के इस समारोह में शामिल होने की खबरों के बारे में एक सवाल का मीडिया ब्रीफिंग में जवाब देते हुए कहा, ‘हमारा मानना है कि अन्य देशों के आंतरिक मामलों में परस्पर सम्मान और गैर हस्तक्षेप के आधार पर देशों को वार्ता और सहयोग करना चाहिए.’
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि जिन देशों को इस समारोह में शामिल होने का न्योता मिला है वे सही और गलत बता सकते हैं. उन्होंने भारत की ओर सीधा इशारा किये बगैर कहा कि यह मानवाधिकार का मुद्दा नहीं है बल्कि आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का मुद्दा है.
चीन के विदेश मंत्रालय ने अभी अपने प्रधानमंत्री की भारत और पाकिस्तान यात्रा की आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं की है.
नयी दिल्ली में की गई आधिकारिक घोषणा के मुताबिक चीनी प्रधानमंत्री 15 दिसंबर से भारत का तीन दिवसीय दौरा करेंगे और इसके बाद वह पाकिस्तान जाएंगे.
बहरहाल, भारत ने शुक्रवार को ओस्लो में इस पुरस्कार समारोह में शामिल होने का फैसला किया है.
भारत उन 44 देशों में शामिल है जिन्होंने इस समारोह में शामिल होने की पुष्टि की है जबकि पाकिस्तान, रूस, सउदी अरब, इराक, ईरान, वियतनाम और अफगानिस्तान सहित 19 देशों ने विभिन्न कारणों से इसमें शामिल होने से इंकार कर दिया है.