तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने कहा है कि विचार व्यक्त करने के लिए उन्हें भारत की ओर से मंच मुहैया कराने पर चीन की आपत्ति कोई नहीं बात नहीं है.
दलाई लामा ने कहा कि उनकी स्थिति अब ‘आंशिक अवकाशप्राप्त’ जैसी होने के बावजूद चीन उन्हें ‘दानव’ मानता है.
चीन की आपत्तियों को नजरंदाज करते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एमके नारायणन मदर टेरेसा पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित हुए. इस कार्यक्रम को दलाई लामा ने संबोधित किया.
चीन के वाणिज्य दूतावास की ओर से राज्य सरकार को लिखे गए उस पत्र के बारे में पूछे जाने पर जिसमें यह सुनिश्चित करने को कहा गया था कि राज्य की मुख्यमंत्री और राज्यपाल इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हों, नारायणन ने कहा, ‘आप मुझसे क्या करने की उम्मीद करते हैं? यदि उन लोगों ने मुख्य सचिव को लिखा है, तो उन्होंने लिखा है.’