भाजपा ने कश्मीर के लिए नियुक्त वार्ताकारों के हवाले से मीडिया में आए एक बयान पर सवाल खड़े करते हुए इस मामले पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से सफाई मांगी है.
कश्मीर के लिए केंद्र सरकार ने पिछले दिनों मशहूर पत्रकार दिलीप पडगांवकर, शिक्षाविद् राधा कुमार और सूचना आयुक्त एम.एम. अंसारी वार्ताकार नियुक्त किया था. ये तीनों इन दिनों कश्मीर में हैं.
मुख्य वार्ताकार पडगांवकर के हवाले से रविवार को कई अखबारों में एक बयान छपा, जिसमें कहा गया है कि हम यहां कश्मीर मसले का एक स्थायी समाधान ढूंढ़ने आए हैं परंतु पाकिस्तान के शामिल हुए बगैर इस मुद्दे का स्थानीय हल असंभव है. किसी समाधान के लिए पाकिस्तान को इसमें शामिल होना पड़ेगा.
भाजपा ने इसी बयान का हवाला देते हुए पीएमओ को कटघरे में खड़ा किया है. पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि अगर सरकार की ओर से वार्ताकारों को इस तरह के बयान देने को कहा गया है तो यह हमारे लिए हैरान करने वाली बात है. वार्ताकारों का काम घाटी के विभिन्न वर्ग के लोगों से बात करना और वहां की जमीनी हकीकत को जानना है.
उन्होंने कहा कि एक वार्ताकार (पडगांवकर) का पाकिस्तान का जिक्र किस संदर्भ में किया गया है? क्या यह बयान उनके कार्यक्षेत्र का हिस्सा है या फिर उन्होंने इससे बाहर जाकर यह बात कही है?
उन्होंने कहा कि उनका यह बयान कश्मीर पर पाकिस्तान के एजेंडे को सही ठहराता है. ऐसा लगता है कि वार्ताकार इस मामले में हुर्रियत के नजरिए से बात कर रहे हैं. हमारी मांग है कि इस मामले में पीएमओ तत्काल सफाई दे.