जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के निकट सहयोगी एवं नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकर्ता हाजी यूसुफ की मौत को मजिस्ट्रियल जांच में स्वाभाविक करार दिया गया है.
जांच की रपट सोमवार को सार्वजनिक की गई. सहायक जिलाधिकारी ने राज्य सरकार को अंतिम रपट सौंपते हुए कहा कि पिछले वर्ष 30 सितम्बर को हाजी की मौत 'बिना किसी बाहरी शारीरिक प्रताड़ना या चोट के, हृदयघात' से हुई.
मुख्यमंत्री आवास पर बुलाए गए हाजी की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हो गई थी. राज्य सरकार ने मामले की जांच की जिम्मेदारी श्रीनगर के सहायक जिलाधिकारी मोहम्मद अकबर गनी को सौंपी गई. रिपोर्ट के अनुसार हाजी के शरीर पर मारपीट या प्रताड़ना के कोई निशान नहीं थे और उसकी मौत हृदयाघात से हुई है.
इससे पहले शुक्रवार को हाजी की मौत की जांच कर रहे न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) एच.एस. बेदी आयोग ने अब्दुल्ला को पूछताछ के लिए बुलाने के लिए दायर याचिका खारिज कर दी थी.