भारत की यात्रा पर आईं अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और विदेश मंत्री एस एम कृष्णा के बीच भारत-अमेरिका सामरिक वार्ता में आज 13 जुलाई को मुम्बई में हुए बम विस्फोटों का मामला प्रमुखता से उठा.
शिष्टमंडल स्तर की वार्ता में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कृष्णा ने आतंकी हमले के खिलाफ हिलेरी और अमेरिकी सरकार की ओर से प्रदर्शित एकजुटता की सराहना की. इस हमले में 19 लोगों की मौत हुई.
दोनों देशों के बीच वार्ता का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों एवं सहयोग में हुई प्रगति की समीक्षा करना और वैश्विक एवं क्षेत्रीय हितों से जुड़े विषयों पर विचार विमर्श करने के साथ दोनों देशों की सरकारों के बीच प्राथमिकता वाले क्षेत्र में अल्पावधि से मध्यावधि सहयोग का खाका तैयार करना है.
मुम्बई बम विस्फोट के एक सप्ताह के भीतर अमेरिकी विदेश मंत्री की भारत यात्रा के दौरान बातचीत में क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों का विषय एजेंडे में सबसे ऊपर है. अमेरिका ने आतंकवाद निरोधक और सुरक्षा से जुड़े विषयों समेत भारत के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है.
हिलेरी के साथ भारत की यात्रा पर 25 सदस्यीय शिष्टमंडल भी भारत आया है जिसमें अमेरिकी प्रशासन के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हैं. हिलेरी कल चेन्नई जायेंगी.
शिष्टमंडल स्तर की वार्ता से पूर्व कृष्णा और हिलेरी के बीच करीब एक घंटे की बैठक हुई जिसमें चुनिंदा लोग शामिल हुए. बैठक के दौरान कृष्णा के साथ योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलुवालिया, सैम पित्रोदा, प्रधानमंत्री के सलाहकार एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
हिलेरी के शिष्टमंडल में राष्ट्रीय खुफिया विभाग के निदेशक जेम्स क्लैपर और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर राष्ट्रपति के सहायक जान होल्ड्रेन शामिल थे.
सामरिका वार्ता से पहले हिलेरी की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन के साथ सुबह के नाश्ते पर बैठक हुई.
हिलेरी क्लिंटन ने आतंकी हमलों से सुरक्षा के संबंध में भारत के प्रयासों में अमेरिका के पूर्ण सर्मथन का आश्वासन दिया. हिलेरी ने कहा, ‘आगे बढने से पहले, मैं पिछले सप्ताह मुम्बई में हुए आतंकी हमले पर गुस्सा और सहानुभूति व्यक्त करती हूं. अमेरिका इस हमले की कड़े से कड़े शब्दों में निंदा करता है. हम पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘और हम भारत सरकार को अपना समर्थन व्यक्त करते हैं, हम शहरों और नागरिकों को भविष्य में किसी नुकसान से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं. हम हिंसक कट्टरपंथी नेटवर्क के खिलाफ लड़ाई में सहयोगी हैं. गृह सुरक्षा विभाग बढ़ते हुए गठजोड़ और उच्च प्राथमिकता का स्रोत है.’
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि यही कारण है कि दोनों देशों ने आतंकवाद निरोधक सहयोग पहल पर हस्ताक्षर किया है.
अमेरिकी गृह मंत्री जेनेट नेपोलिटानो के भारत में पहले अमेरिकी भारत गृह सुरक्षा वार्ता शुरू करने को रेखांकित करते हुए हिलेरी ने कहा, ‘मुम्बई में हुई घटनाओं ने स्पष्ट किया है कि परिणाम प्राप्त करना कितना जरूरी है.’
‘बहुत कुछ दांव पर लगे’ होने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘इसलिए यह जरूरी है कि वार्ता से ठोस और समन्वित कदम आगे बढ़े और हमारी सरकार वास्तविक परिणाम हासिल करें ताकि हमारे लोगों के जीवन में अंतर आए.’