प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भले ही खामोशी से सवालों का जवाब दें लेकिन कांग्रेस को लगता है कि अब बात खामोश रहने से नहीं बनेगी, बल्कि वक्त आ गया है पलटवार करने का.
संसद में चल रहे कोलगेट हंगामे के बीच कांग्रेस संसदीय दल की बैठक है. माना जा रहा है कि सोनिया आमसभा की इस बैठक को संबोधित करेंगी. सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी कोयला ब्लॉक आवंटन के मुद्दे पर बीजेपी पर वार करने के साथ-साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बचाव करेंगी. इसके साथ ही सोनिया गांधी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी शासित राज्यों पर भी सवाल खड़े कर सकती हैं.
कोयला खदान घोटाले का विवाद शुरू होने के बाद ये पहला मौका है, जब सोनिया गांधी पार्टी सांसदों को संबोधित करेंगी. हालांकि इससे पहले ही कांग्रेस पार्टी की तरफ से बीजेपी पर हमला बोलने की रणनीति तेज हो गई है.
कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमला कर रही है, तो प्रधानमंत्री भी अपने बयान में सीएजी की रिपोर्ट पर सवाल उठा रहे हैं. पीएम के मुताबिक CAG ने कहा है कि 2006 में तत्कालीन प्रशासनिक निर्देशों में सुधार करते हुए बोली लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती थी. लेकिन सीएजी का ऐसा मानना गलत है. सीएजी की ये टिप्पणी उन सुझावों पर आधारित है, जो जुलाई-अगस्त 2006 में कानून विभाग ने दिए थे.
हालांकि प्रधानमंत्री के हर वार का बीजेपी ने जवाब दिया है. इस बार तो पार्टी नेताओं ने बैठक करके सरकार के साथ-साथ कांग्रेस को भी लपेट लिया और 'मोटा माल' मिलने के आरोप मढ़ दिए. नेता विपक्ष के आरोपों से कांग्रेस में खलबली मच गई. सरकार की तरफ से तत्काल 3 मंत्री सामने आए और मोटा माल शब्द को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.
सरकार के तेवरों से साफ है कि वो कोयला घोटाले पर विपक्ष के आगे झुकने वाली नहीं है. लेकिन बीजेपी ने भी साफ कर दिया है कि मामला तभी सुलझेगा जब प्रधानमंत्री का इस्तीफा होगा और इसीलिए आगे की रणनीति के लिए बीजेपी भी मंगलवार को संसदीय दल की बैठक कर रही है.
यानी सरकार और विपक्ष ने संसद के भीतर से बाहर तक मोर्चा खोल रखा है. आलम यही रहा तो मुमकिन है कि संसद जल्दी ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो जाएगी.