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कोयला खदान आवंटन घोटाले पर PM देंगे संसद में बयान

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कैग की रिपोर्ट के मद्देनजर कोयला ब्लॉक आवंटन मुद्दे पर आज संसद में बयान देंगे. विपक्ष इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री पर हमले करता रहा है.

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कैग की रिपोर्ट के मद्देनजर कोयला ब्लॉक आवंटन मुद्दे पर आज संसद में बयान देंगे. विपक्ष इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री पर हमले करता रहा है.

प्रधानमंत्री 2005-2009 में कोयला ब्लॉक आवंटन के दौरान कोयला मंत्री भी थे और इसीलिए विपक्ष उन्हें निशाना बना रहा है. वह पिछले हफ्ते से बयान देने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष, खासकर भाजपा द्वारा संसद में गतिरोध पैदा किए जाने के कारण वह ऐसा नहीं कर पाए.

सूत्रों ने बताया कि वह यह कहकर कैग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का खंडन कर सकते हैं कि 1.85 लाख करोड़ के नुकसान के भ्रामक आकलन में खामियां हैं.

प्रधानमंत्री द्वारा अपने जवाब में इस बात पर जोर दिए जाने की संभावना है कि गैर संप्रग सरकार शासित छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, ओड़िशा और झारखंड ने 2005 में नीलामी प्रक्रिया के लिए कानून लाए जाने के केंद्र के कदम का विरोध किया है. कैग की रिपोर्ट में कोयला ब्लाक आवंटन में विलम्ब का भी आरोप लगाया गया है.

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मनमोहन ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह उठाए जा रहे सभी मुद्दों पर संतोषजनक जवाब दे सकते हैं. कैग के इस आकलन पर कि 2005 से 2009 के बीच कोयला ब्लाक आवंटन में निजी कंपनियों को 1.85 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ, प्रधानमंत्री कह सकते हैं कि रिपोर्ट में खामियां हैं.

प्रधानमंत्री कह सकते हैं कि कैग ने अपना आकलन 57 खदानों के आवंटन के आधार पर दिया है, लेकिन इनमें से 31 कोयला ब्लॉक 2006 से पहले की अवधि के हैं.

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