कोयला ब्लॉक आवंटन लाइसेंस को रद्द करने की विपक्ष की मांग को ठुकराते हुए कांग्रेस ने कहा कि इस तरह के कदम से भारी आर्थिक नुकसान के साथ-साथ देश का बिजली और इस्पात क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित होगा. पार्टी ने साथ ही सरकार पर कैग की आलोचना करने के भाजपा द्वारा लगाये गये आरोपों को भी हास्यास्पद बताया.
केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि कोयला ब्लॉक के आवंटन से किसी के फायदे का सवाल नहीं है क्योंकि कोयला की बिक्री नहीं हुई है. उन्होंने भाजपा पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि मुख्य विपक्षी दल देश के बारे में नहीं सोचती और 2014 से पहले किसी तरह सत्ता में आना चाहती है.
उन्होंने मुख्य विपक्षी दल से जानना चाहा कि क्या 1998 से 2004 तक कोयला आंवंटन के जो भी फैसले किये गये हैं वे सभी रद्द कर दिये जायें और हजारों करोड़ का नुकसान करा दिया जाये.
उन्होंने कहा, ‘यह कोई सामान्य मुद्दा नहीं है यह देश के भविष्य से जुड़ा जटिल आर्थिक मुद्दा है. उन्हें इसके नतीजों को समझना चाहिए.’
सिब्बल ने कहा, ‘आप पूरे आर्थिक ढांचे को नष्ट नहीं कर सकते. जो विपक्ष कह रहा है, क्या उन्हें उसके नतीजों के बारे में पता है. अगर बिजली और स्टील कारखाने को कोयला नहीं मिलेगा तो उन्हें कोयला आयात करना होगा और आयातित कोयले की कीमत तीन गुणा ज्यादा है. इससे बिजली और इस्पात मंहगा होगा और अंतत यह मंहगाई के रास्ते पर ले जायेगा.’
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीयकरण की नीति के तहत आवंटित किये गये कोल ब्लॉक से कोई कोयला बेच नहीं सकता और जब कोयला बिक नहीं सकता तो किसको मुनाफा हुआ.
सिब्बल ने भाजपा पर आरोप लगाया वह देश के बारे में नहीं सोचती. वह 2014 से पहले किसी तरह सत्ता में आना चाहती है. वह सिर्फ रूकावट डालने के सिद्धांत में विश्वास करती है.
उन्होंने विपक्षी दल से संसद में आकर चर्चा करने की अपील करते हुए कहा कि इसके अलावा लोकतंत्र में कोई और रास्ता नहीं है. सिब्बल ने मुख्य विपक्षी दल के इस आरोप को भी गलत बताया कि कांग्रेस संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार करती है.
उन्होंने कहा कि ऐसा कभी कोई मौका नहीं हुआ जब किसी ने कोई अपशब्द कहा हो. हां हमने कैग के निष्कर्षों पर असहमति जरूर जताई है.
इसके विपरित उन्होंने राजग सरकार के कार्यकाल के समय भाजपा के कुछ नेताओं के वक्तव्यों का हवाला देते हुए कहा कि जब वे आरोप लगाते हैं तो यह नहीं सोचते कि उन्होंने क्या क्या कहा था. उन्होंने चुनौती भरे लहजे में कहा कि भाजपा ने कैग के खिलाफ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया वैसा कोई शब्द हमने कभी इस्तेमाल नहीं किया.
उन्होंने कहा कि राजग के कार्यकाल के दौरान जो हुआ वह सब ठीक था. सब पारदर्शी था. हमने जो किया वह सब गलत. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे करते कुछ हैं और कहते कुछ और हैं.
उन्होंने कैग की तरह प्रधानमंत्री को भी एक संवैधानिक संस्था बताया और कहा कि अगर कैग संवैधानिक संस्था है तो प्रधानमंत्री भी संवैधानिक संस्था हैं.
उन्होंने साफ तैर पर कहा, ‘हम कैग की रिपोर्ट से सहमत नहीं हैं.'
सिब्बल ने राजग सरकार के दौरान किये गये कोयला ब्लॉक आवंटन की पारदर्शिता को लेकर अनेक दस्तावेज भी संवाददाताओं को वितरित किये. उन्होंने 1998 से 2003 सितंबर के दौरान किये गये आवंटनों के बारे में सवाल किया कि आखिर से किस गाइडलाइन के आधार पर किया गया. कोई जांच नहीं की गई कोई बैंक गारंटी नहीं ली गई. जबकि संप्रग सरकार ने एक सख्त और व्यापक गाइडलाइन बनायी और उसके आधार पर कोयला ब्लॉक आवंटित किये.