कोल ब्लॉक आवंटन में हुए घोटाले की आंच आखिरकार कांग्रेस के दरवाजे तक पहुंच गई. सीबीआई ने जिन पांच कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया है उनमें एक कंपनी कांग्रेस सांसद विजय दर्डा की है.
कोयला घोटाले पर सीबीआई ने छापेमारी शुरू की तो जांच के दायरे में आ गए कांग्रेस नेता विजय दर्डा. सीबीआई ने दर्डा की कंपनी जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.
जेएलडी को झारखंड में फतेहपुर ईस्ट कोल ब्लाक का आवंटन हुआ है. इस कंपनी में विजय दर्डा के अलावा उनके भाई राजेंद्र दर्डा और बेटे देवेंद्र दर्डा भी निदेशक हैं. इन सबके खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज किया है. इन पर इल्जाम है कि कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए इन्होंने अपनी संपत्ति के आंकड़ों और तथ्यों में गड़बड़ी की.
दर्डा इल्जामों को सिरे से खारिज कर रहे हैं. विजय़ दर्डा कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य हैं. वो 1998 से लगातार तीसरी बार राज्यसभा में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इसी साल 29 जुलाई को अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को शेर कहकर अपनी पार्टी को मुश्किल में डाल चुके हैं.
दर्डा के अलावा एक औऱ खास नाम सीबीआई की एफआईआर में है और वो है जायसवाल परिवार. जिन पांच कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है उनमें से तीन कंपनियों में मनोज जायसवाल का परिवार ही निदेशक है. इस परिवार के तीन सदस्य दर्डा की कंपनी जेएलडी यवतमाल इनर्जी लिमिटेड में भी निदेशक हैं. कोलकाता में भी मनोज जायसवाल के परिवार की एक कंपनी जेएएस इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है.
इसके अलावा नागपुर की कंपनी एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड में भी इनकी हिस्सेदारी है. एएमआर को महाराष्ट्र के बंडेर में और जेएस को झारखंड के महुआगढ़ी कोल ब्लाक का आवंटन हुआ है.
बताया जा रहा था कि जायसवाल परिवार केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का करीबी है. हांलाकि श्रीप्रकाश जायसवाल को इससे इनकार है. कोयला घोटाले में मंगलवार को सीबीआई ने देशभर में तीस ठिकानों पर छापेमारी की. बेईमानी, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के इल्जाम में पांच कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज हुए. उम्मीद जताई जा रही है सीबीआई की छापेमारी अभी जारी रहेगी. कुछ और एफआईआर दर्ज हो सकते हैं.