कोयला ब्लाक आवंटन में कथित अनियमितता पर कैग की रिपोर्ट को लेकर भाजपा नीत राजग द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर भारी हंगामे के कारण शुक्रवार लोकसभा और राज्यसभा दोनों की कार्यवाही लगातार आठवें दिन भी नहीं चल सकी.
दोनों सदनों में एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी. संसद के दोनों सदनों में पिछले आठ दिन में एक भी दिन प्रश्नकाल नहीं चल पाया. हंगामे की वजह से न केवल इस सप्ताह बल्कि पिछले सप्ताह भी सदन में गैर सरकारी कामकाज नहीं हो पाया.
शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद सदन में गैर सरकारी कामकाज होता है. लोकसभा में पूर्वाहन 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा सदस्य कोयला ब्लाक आवंटन एवं अन्य विभागों में कथित अनियमितताओं पर कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करने लगे. विपक्ष के हमलों के जवाब में सत्ताधारी दल के सदस्यों ने प्रधानमंत्री के समर्थन में नारे लगाए. सत्ता पक्ष के कुछ सदस्य प्रश्नों की सूची लहरा रहे थे और प्रश्नकाल चलने देने की भी मांग कर रहे थे.
अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों को अपने स्थान पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ. हंगामा थमता न देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
दोपहर 12 बजे सदन की बैठक फिर से शुरू होते ही भाजपा सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर ‘प्रधानमंत्री इस्तीफा दो’ के नारे लगाने शुरू कर दिए. इसी हंगामे के बीच अध्यक्ष ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और व्यवस्था बनते नहीं देख कुछ ही मिनट बाद सदन को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया.
उच्च सदन में प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़े भाजपा नीत राजग सदस्यों के हंगामे के कारण बैठक एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी. पूर्वाहन 11 बजे बैठक शुरू होने पर सभापति हामिद अंसारी ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा.
लेकिन भाजपा नीत राजग सदस्यों ने कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं पर कैग की रिपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी तथा आसन के समीप आ गए. हंगामा थमते नहीं देख अंसारी ने बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
दोपहर बारह बजे सदन की बैठक फिर से शुरू होने पर उप सभापति पी जे कुरियन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल रखवाये. इसके बाद उन्होंने विशेष उल्लेख के जरिये उठाये जाने वाले मुद्दों को सदन के पटल पर रखवाया.
इसी बीच भाजपा के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष आ गये. सत्ता पक्ष के कुछ सदस्य सदन की कार्यवाही नहीं चलने देने के लिए भाजपा के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. कुरियन ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों को शांत करवाने का प्रयास किया. लेकिन कोई नतीजा निकलते न देख उन्होंने बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया.