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छठे दिन भी संसद पर छाया रहा कोयला

कोयला मंगलवार को भी संसद पर छाया रहा और लगातार छठे दिन भाजपा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग करते हुए दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित की.

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कोयला मंगलवार को भी संसद पर छाया रहा और लगातार छठे दिन भाजपा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग करते हुए दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित की.

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कोयला ब्लाक आवंटन में कथित अनियमितताओं पर कैग (भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक) की रपट को लेकर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़ी भाजपा को हालांकि सत्ता पक्ष की ओर से कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा.

हंगामे, नारेबाजी और जबर्दस्त शोरगुल के कारण न तो लोकसभा और न ही राज्यसभा में प्रश्नकाल हो सका. दोनों ही सदनों की बैठक दो बार के स्थगन के बाद अंतत: पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी.

कैग पर प्रधानमंत्री के बयान पर लोकसभा में नियम-193 के तहत चर्चा सूचीबद्ध थी लेकिन यह हंगामे की भेंट चढ़ गयी. दोनों ही सदनों में श्रीलंकाई सैनिकों को भारत में प्रशिक्षण दिये जाने के मुद्दे पर द्रमुक सदस्यों ने भी हंगामा किया.

आसन के सामने नारेबाजी में भाजपा का साथ शिवसेना सांसदों ने भी दिया जबकि राजग के ही एक अन्य घटक जदयू और अकाली दल के सदस्य अपनी जगह पर खड़े होकर नारेबाजी और विरोध करते नजर आये. तेदेपा और अन्नाद्रमुक सदस्य भी कैग रपट पर स्पष्टीकरण मांगते देखे गये.

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कांग्रेस सदस्य भी भाजपा पर जवाबी हमला बोलते नजर आये. इसकी कमान खुद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संभाल रखी थी और वह बार-बार सदस्यों से भाजपा सांसदों की बात का प्रतिवाद करने के लिए प्रेरित करती नजर आयीं.

कांग्रेस सांसदों ने अग्रिम पंक्तियों में आकर आसन के समीप खड़े प्रधानमंत्री के इस्तीफे को लेकर नारेबाजी कर रहे भाजपा सदस्यों से सवाल किया कि पहले वे भाजपा शासित उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस्तीफे मांगें, जिन्होंने कोयला ब्लाक आवंटन में बोली प्रक्रिया को लेकर प्रधानमंत्री के प्रस्ताव का विरोध किया था.

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