केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए राष्ट्रमंडल खेलों से संबंधित कम से कम 40 निर्माण और खरीद परियोजनाओं में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रहा है.
भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी केंद्र और दिल्ली सरकार के अधिकारियों द्वारा वीआईपी पास की बिक्री खेलगांव के लिए फर्नीचर उपकरण और बर्तनों की आपूर्ति तथा कोष का दुरुपयोग किए जाने जैसे मामलों की जांच करने के साथ ही नियुक्तियों के लिए मध्यस्थ एजेंसियों की नियुक्ति में विसंगतियों की भी जांच कर रही है.
सीवीसी राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के बर्खास्त प्रमुख सुरेश कलमाडी और उनके सहयोगियों पर लगे भ्रष्टाचार एवं आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोपों की भी जांच कर रहा है. सूचना के अधिकार के तहत दायर आवेदन के जवाब में कहा गया कि इन 40 परियोजनाओं में से 15 को युवा एवं खेल मामलों के मंत्रालय छह को डीडीए चार को दिल्ली सरकार ने अंजाम दिया जबकि दिल्ली नगर निगम के हवाले तीन नयी दिल्ली नगर पालिका परिषद के पास दो और खेल आयोजन समिति के पास एक परियोजना थी.
आरटीआई आवेदन के जवाब में कहा गया कि वाणिज्य विभाग भारतीय मौसम विभाग और पृथ्वी मंत्रालय से संबंधित परियोजनाओं में भी कथित वित्तीय और प्रबंधन विसंगतियों को लेकर जांच की जा रही है. इन विभागों की एक-एक परियोजना जांच के दायरे में है. आरटीआई आवेदन के जवाब में कहा गया ‘महासचिव पीके मुरलीरधरन अध्यक्ष (बर्खास्त) आयोजन समिति सुरेश कलमाडी के खिलाफ पद के दुरुपयोग और राष्ट्रमंडल खेल 2010 आयोजन समिति से आर्थिक लाभ हासिल करने से संबंधित शिकायत खेलों के अंत में आयोजन समिति के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) को भेज दी गई.’ {mospagebreak}
आयोग ने राष्ट्रमंडल खेलों के लिए चिकित्सा उपकरणों की खरीद और वीआईपी पास की बिक्री में अनियिमितताओं को लेकर दिल्ली सरकार और खेल मंत्रालय से क्रमश: एक रिपोर्ट मांगी है. इसने मंत्रालय से खेलों के लिए बीमा सलाहकार और नियुक्ति मध्यस्थ की नियुक्तियों में अनियितितताओं को लेकर भी जवाब मांगा है.
आवेदन के जवाब में कहा गया, ‘कलमाडी और अन्य पर लगे कुल कीमत से महंगे दामों पर उपकरण खरीदने से संबंधित आरोपों की शिकायत आवश्यक कार्रवाई के लिए युवा एवं खेल मामलों के मंत्रालय को भेज दी गई.’ इसके अतिरिक्त निगरानी एजेंसी ए2 जैड इन्फ्रा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अमित मित्तल पर काम हासिल करने के लिए कलमाडी को धन का भुगतान करने के आरोपों में रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
कंपनी ने हालांकि आरोपों से इंकार किया था इसमें कहा गया, ‘कंपनी द्वारा खेलों के लिए 470 करोड़ रुपये की कीमत का प्रायोजन उपलब्ध कराने के वायदे और फिर उसके द्वारा सिर्फ 125 करोड़ रुपये का प्रायोजन उपलब्ध कराने तथा आयोजन समिति द्वारा उसे उस प्रायोजन के लिए कमीशन का भुगतान करने जो उस कंपनी के जरिए नहीं बल्कि आयोजन समिति के पास सीधे आया था.. के मामले में सीवीओ और युवा एवं खेल मामलों के मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी गई है.’