राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआईसी) की 10 सितंबर को होने वाली बैठक में इस बात पर चर्चा की जाएगी कि पुलिस और राज्य किस प्रकार नागरिक अशांति की स्थिति से निबट सकते हैं.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे. परिषद की बैठक में धर्म और जाति के नाम पर युवकों में चरमपंथ पर काबू पाने के बारे में भी विचार विमर्श किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि 147 सदस्यीय परिषद में वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों के अलावा संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, छह राष्ट्रीय दलों के नेता, वरिष्ठ पत्रकार और उद्योग जगत के लोग शामिल हैं.
राष्ट्रीय एकता परिषद का गठन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने किया था और इसकी पहली बैठक 1962 में हुई थी. 10 सितंबर को होने वाली बैठक करीब तीन साल के अंतराल के बाद हो रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय इसका आयोजन कर रहा है. पी चिदंबरम के गृह मंत्री बनने के बाद यह पहली बैठक हो रही है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सांप्रदायिकता और सांप्रदायिक हिंसा पर काबू पाने के तरीकों पर भी विचार विमर्श किए जाने की संभावना है. पिछले साल अप्रैल में राष्ट्रीय एकता परिषद के पुनर्गठन के बाद यह पहली बैठक होगी. इसके पहले परिषद की बैठक 13 अक्तूबर 2008 को हुयी थी जब शिवराज पाटिल गृहमंत्री थे.
धर्म एवं जाति के नाम पर युवकों में बढ़ता चरमपंथ और इस पर काबू पाने का मुद्दा उन खबरों के बीच चर्चा में है कि देश में अशांति फैलाने के लिए हिन्दू और मुस्लिम संगठनों द्वारा कुछ युवाओं को कट्टरपंथी बनाया जा रहा है.
चिदंबरम ने हाल में एक पुस्तक विमोचन समारोह में कहा था कि सुरक्षाबलों को दक्षिणपंथी आतंकी समूहों से ‘‘सख्ती एवं निर्भीकता’’ से निबटना चाहिए, क्योंकि वे भी इंडियन मुजाहिदीन और सिमी के समान ही देश के दुश्मन हैं.
परिषद के सदस्यों में 15 क्षेत्रीय दलों के नेता भी हैं. इनमें द्रमुक के एम करुणानिधि, तेदेपा के एन चंद्रबाबू नायडू, सपा के मुलायम सिंह यादव, राजद के लालू प्रसाद, जद एस के एच डी देवेगौडा़ शामिल हैं. उद्योग जगत से रतन टाटा और अजीम प्रेमजी के अलावा परिषद के सदस्यों में पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल, पूर्व लोकसभाध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी, स्वामी अग्निवेश, फाली नरीमन, शबाना आजमी शामिल हैं.
कई वरिष्ठ संपादक भी परिषद के सदस्य हैं. इनमें एम के राजदान (पीटीआई), शेखर गुप्ता (इंडियन एक्सप्रेस), एन रवि (हिन्दू), मैमन मैथ्यू (मलयाला मनोरमा), शोभना भरतिया (हिन्दुस्तान टाइम्स), टी एन निन्नन (बिजनेस स्टैंडर्ड), राजदीप सरदेसाई (सीएनएन-आईबीएन), बरखा दत्त (एनडीटीवी) शामिल हैं.