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एनडीएमसी का फ्लॉप शो है कनॉट प्‍लेस का रिनोवेशन

सीपी के रिनोवेशन काम का कोई ओर छोर नहीं है. कई बार इसके प्लान बनें, फेल हुए और फिर नए सिरे से प्लान बना. अब सब-वे के काम को ही लिया जाए. कॉमनवेल्थ से पहले 8 नए सब-वे बनाए जाने की योजना को बदला गया. फिर 4 नए सब-वे बनाने की बात हुई और अब हो सकता है कि ये 4 सबवे भी न बनें.

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सीपी के रिनोवेशन काम का कोई ओर छोर नहीं है. कई बार इसके प्लान बनें, फेल हुए और फिर नए सिरे से प्लान बना. अब सब-वे के काम को ही लिया जाए. कॉमनवेल्थ से पहले 8 नए सब-वे बनाए जाने की योजना को बदला गया. फिर 4 नए सब-वे बनाने की बात हुई और अब हो सकता है कि ये 4 सबवे भी न बनें.

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सीपी का काम शुरू हुआ तो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा. एनडीएमसी का ये बड़ा प्लान बड़े फ्लॉप शो में बदल चुका है. सीपी के एक सब-वे का ही उदाहरण लिया जा सकता है. इसे कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले खोदा गया और अब ये कूड़ेदान में तबदील हो चुका है. कायदे से 4 सब-वे का काम कब का पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन अब एनडीएमसी काउंसिल मीटिंग में इसे बंद करने की बात की जा रही है.

एनडीएमसी के सदस्‍य करण सिंह तंवर के अनुसार उस मीटिंग में शीला दीक्षित इस मीटिंग में थी और उन्होंने इसे डिलेयड प्रोजेक्‍ट में डाला है. ये काम अब होगा या नहीं इसका भी कोई जिक्र नहीं है.

यहीं हाल सीपी के सर्विस कॉरिडोर का भी है. कॉमन यूटिलिटी डक में तीन चौथाई हिस्सा एयरकंडिशनर के लिए था. अब इसे भी बंद करने की बात हो रही है. करण सिंह तंवर के अनुसार एसी प्लांट को भी बंद करने की योजना बनाई जा रही है.

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ये किस तरह की प्लानिंग है जिसे बनाने में न सिर्फ पैसे बर्बाद हुए बल्कि वक्त, आम जनता को परेशानी और व्यापारियों को नुकसान हुआ सो अलग. सीपी में अब तक 450 करोड़ रु. लग चुके हैं और अब ये बजट 650 करोड़ तक पहुंच गया है. लेकिन इतने पैसे खर्च करने के बाद भी हल कुछ नहीं. सीपी की हालत जस की तस बनी हुई है.

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