तमिलनाडु के कांग्रेस सांसदों ने राज्य में बिजली की गंभीर कमी होने का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आंदोलन से प्रभावित परमाणु ऊर्जा संयंत्र को संचालित करने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए, ताकि बिजली की बढ़ती मांग पूरी की जा सके.
सात सांसदों के एक शिष्टमंडल ने भी मुल्लापेरियार बांध के मुद्दे पर तमिलनाडु में हो रही घटनाओं के बारे में उन्हें जानकारी दी.
सासंदों ने कहा कि केंद्र को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और दोनों राज्यों के बीच के इस विषय का परस्पर सहमति से समाधान करना चाहिए.
कुडनकुलम के मुद्दे पर सांसदों ने सिंह को बताया कि तमिलनाडु में ऐसे कई स्थान हैं जो बिजली की कमी का सामना कर रहे हैं. एक दिन में लगभग पांच घंटे बिजली गुल हो रही है. इसलिए इन परमाणु संयंत्रों को जल्द से जल्द संचालित करना चहिए.
विरूद्धनगर के सांसद माणिक टैगोर ने बताया, ‘हमनें उन्हें बताया कि यदि नये संयंत्र को जल्द से जल्द संचालित कर दिया जाता है तो बिजली की कमी दूर की जा सकती है. प्रधानमंत्री ने हमसे कहा कि संयंत्र के शुरू होने जाने पर राज्य को अधिकतम हिस्सा मिलेगा.’
संसद भवन के अंदर हुई इस बैठक के दौरान सांसदों ने प्रधानमंत्री से कहा कि लोग इस संयंत्र को संचालित होते देखना चाहते हैं. टैगोर ने बांध मुद्दे पर बताया कि सिंह ने उनके विचारों से सहमति जताते हुए दोनों राज्यों से उस वक्त तक शांति और धर्य रखने को कहा, जब तक कि मुद्दे का समाधान नहीं हो जाता है.’
सांसद ने बताया, ‘प्रधानमंत्री ने हमसे कहा कि दोनों राज्यों की सीमा पर हुई कई घटनाओं के बाद वह चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को शांत रहना होगा. उन्होंने कहा कि हमें अदालत के फैसले का भी इंतजार करना होगा.’