गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस नेताओं द्वारा उन्हें ‘भाजपा और आरएसएस का मुखौटा’ बताये जाने पर कड़ा ऐतराज जताया है.
हज़ारे ने सोनिया को लिखे पत्र में लोकपाल विधेयक के संसद के मानसून सत्र में पारित नहीं होने की स्थिति में 16 अगस्त से फिर अनशन पर जाने की बात दोहरायी है. उन्होंने कहा कि उन्हें 30 जून तक विधेयक का मसौदा तैयार हो पाने पर भी संदेह है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता और सरकार के मंत्री उन पर झूठे आरोप लगा रहे हैं और उन्हें बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं. इसके चलते वह इस निर्णय पर पहुंच गये हैं कि सरकार में बैठे लोग ‘धोखा देते हैं और झूठ बोलते हैं’.
कांग्रेस नेताओं के बयानों से ‘आहत’ हज़ारे ने कहा कि पांच अप्रैल को जंतर-मंतर पर देशवासियों ने हमारे आंदोलन को जिस तरह समर्थन दिया, वैसा समर्थन फिर नहीं मिले, इसी लिये कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. यह मुझे लोकशाही के लिये चिंता का विषय लगता है. हज़ारे ने सोनिया को यह पत्र नौ जून को हिंदी में लिखा था. इसे आज उनके आंदोलन ‘इंडिया अगेन्स्ट करप्शन’ की ओर से सार्वजनिक किया गया.
गांधीवादी ने सोनिया से कहा कि आपकी पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि अन्ना हज़ारे तो भाजपा और संघ का मुखौटा हैं. 73 साल के अपने जीवन में मैं कभी भी किसी पार्टी के नजदीक नहीं रहा. इसका कारण यह है कि हर पार्टी और पक्ष में भ्रष्टाचार नजर आता है.