भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के इस बयान के लिए उन्हें आड़े हाथों लिया कि गृह मंत्रालय का प्रभार राकांपा को देना एक गलती थी. आडवाणी ने कहा कि कांग्रेस को मुम्बई विस्फोट की घटना के लिए ‘बलि का बकरा’ खोजने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.
आडवाणी ने अपने ब्लॉग पर लिखी टिप्पणी में केंद्र से कहा कि उसे आतंकवाद की चेतावनी को लेकर अपनी नीति में ‘मौलिक’ बदलाव करना चाहिए और यदि ऐसा नहीं किया गया तो भविष्य में ऐसी घटनाएं होती रहेंगी.
उन्होंने महाराष्ट्र का गृह मंत्रालय का प्रभार राकांपा की ओर से संभाले जाने को लेकर चव्हाण के बयान का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी को हाल में मुम्बई में हुए बम विस्फोट के लिए बलि का बकरा नहीं खोजने दिया जाना चाहिए. आम आदमी यह पढ़कर हैरान हो रहा होगा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विस्फोटों के लिए राकांपा को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, क्योंकि राज्य में गृह मंत्रालय उसके पास था.’’
आडवाणी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने यह कहकर स्वयं महाराष्ट्र के गृहमंत्री आरआर पाटिल को इस आरोप से दोषमुक्त करार दिया है कि विस्फोट के मामले में कोई गुप्तचर चूक नहीं हुई थी, जिसका मतलब है कि स्थानीय पुलिस की कोई गलती नहीं थी.
उन्होंने आतंकवाद से मुकाबले में सरकार की नीति में परिवर्तन की मांग करते हुए कहा, ‘‘जहां तक मुम्बई में लोगों के मारे जाने का प्रश्न है, आप राज्य के मुख्यमंत्री अथवा गृह मंत्री को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं, लेकिन इसके साथ ही नयी दिल्ली भी उतनी ही जिम्मेदार है.’’
आडवाणी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष को यह समझना चाहिए कि जब तक आतंकवाद के मुकाबले के लिए भारत सरकार की नीति में मौलिक परिवर्तन नहीं होता ऐसी घटनाएं होती रहेंगी.’’
चव्हाण ने एक विवादास्पद बयान में कहा था कि कांग्रेस का महत्वपूर्ण गृह मंत्रालय का प्रभार राकांपा को देने के लिए सहमत होना एक गलती थी. उनके इस बयान पर कांग्रेस के सहयोगी राकांपा ने तीखी प्रतिक्रिया की थी.
चव्हाण ने अपने बयान ने कहा था, ‘‘मेरा मानना था कि वह एक गलती थी. हमें उस पर पुनर्विचार करना चाहिए था. मुझे ऐसे किसी गठबंधन सरकार के बारे में जानकारी नहीं, जिसमें गृह, वित्त और योजना जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का प्रभार मुख्यमंत्री के पास न हो.’’