भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर वोट बैंक के लिए धार्मिक आधार पर आरक्षण का एक खतरनाक खेल खेलने का आरोप लगाया है.
गडकरी ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा, वोट के लिए खेला जा रहा धार्मिक आधार पर आरक्षण का खेल उत्तर प्रदेश के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए खतरनाक है.’ यह दोहराते हुए कि धार्मिक आधार पर आरक्षण संविधान के विरुद्ध है और उच्चतम न्यायालय ने 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण पर रोक लगा रखी है, गडकरी ने कहा कि मजहब के आधार पर आरक्षण का यह खेल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को निगाह में रखकर खेला जा रहा है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पिछड़े वर्गों के लिए निर्धारित 27 फीसदी आरक्षण कोटे में से 4.5 प्रतिशत कोटा अल्पसंख्यकों को अलग से दिये जाने के निर्णय के बाद प्रदेश की सत्ता में आने पर इसे नौ प्रतिशत करने की बात कर रही है, तो समाजवादी पार्टी मुस्लिम वोटों को आकर्षित करने के लिए 18 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कर रही है..
यह याद दिलाते हुए कि संविधान सभा में पंडित जवाहर लाल नेहरु, सरदार पटेल, डा. भीमराव अम्बेडकर और मौलाना आजाद आदि ने धार्मिक आधार पर आरक्षण का विरोध किया था. गडकरी ने कहा कि बावजूद इसके कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपनी खोई जमीन पाने के लिए मजहबी आरक्षण का खेल खेल रही है. भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस, सपा और बसपा में गुप्त सांठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि वे अपनी सुविधा के अनुसार एक दूसरे को समर्थन देते रहते हैं.
उन्होंने उत्तर प्रदेश में चुनाव बाद भी सपा, बसपा के साथ किसी तरह का गठबंधन करने की संभावना को सिरे से खारिज करते हुए कहा, बहुमत से सत्ता में आये तो सरकार बनाएंगे वरना विपक्ष में बैठेंगे.’ भाजपा अध्यक्ष ने इसी क्रम में यह भी कहा कि योजना तो कांग्रेस अजीत सिंह और समाजवादी पार्टी की मिली जुली सरकार बनाने की चल रही है.
बसपा से निष्कासित पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को भाजपा में लिए जाने के विवाद पर उन्होंने कहा, कुशवाहा का चैप्टर बंद हो चुका है. उन्होंने स्वयं पत्र लिखकर उनकी सदस्यता स्थगित करने का आग्रह किया है.’ मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुनाव लड़ने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर गडकरी ने कहा कि इस संबंध में निर्णय सही समय पर लिया जायेगा.
इस सवाल पर कि पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री पद का दावेदार कौन होगा, गडकरी ने कहा कि हम सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं और मुख्यमंत्री का चयन निर्वाचित विधायक करेंगे.
थल सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह के जन्म तिथि के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के बारे मे पूछे जाने पर, गडकरी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और केन्द्र सरकार की विफलता है.
दूसरे दलों से आये नेताओं को बड़ी संख्या में भाजपा का टिकट दिये जाने के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि कुछ मजबूरियां और अंतर्विरोध राजनीति का हिस्सा हैं.
राजग में पार्टी के गठबंधन साथी जदयू के साथ उत्तर प्रदेश में कोई तालमेल न हो पाने के बारे में उन्होंने कहा कि वह जितनी सीटें मांग रहे थे, दे पाना संभव नही था.