अन्ना हजारे को जहां देश भर के विभिन्न वर्गों से व्यापक समर्थन मिला है, वहीं उनके भ्रष्टाचार रोधी अभियान के प्रति पार्टी लाइन से हटकर कांग्रेस के ही कुछ नेताओं ने अपना समर्थन दिया है.
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हजारे को समर्थन देने वाले नेताओं में बरेली से सांसद अरुण ऐरन, रक्षा संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष सतपाल महाराज, मुंबई उत्तर मध्य संसदीय क्षेत्र की सांसद प्रिया दत्त और उत्तरी मुंबई से सांसद संजय निरूपम भी शामिल हैं.
संसद से ऊंची है जनसंसद: अन्ना हजारे
जहां सतपाल महाराज ने हजारे से अनशन का उद्देश्य पूरा होने के चलते इसे समाप्त करने की मांग की वहीं प्रिया दत्त ने प्रधानमंत्री और न्यायपालिका को लोकपाल विधेयक के तहत लाये जाने की वकालत की.
सतपाल महाराज ने कहा कि स्थायी समिति के समक्ष इस समय लोकपाल विधेयक के तीन अलग अलग प्रारुप हैं और हम चाहते हैं कि भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिये सख्त से सख्त विधेयक संसद में आना चाहिये.
देखें: मैं भी अन्ना, तू भी अन्ना, हम सब अन्ना...
जनलोकपाल विधेयक संसद में पेश करने की मांग पर रामलीला मैदान में पिछले सात दिन से अनशन पर बैठे समाजसेवी अन्ना हजारे से अनशन समाप्त करने की अपील करते हुये महाराज ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ देशभर में जागरुकता फैलाने और इसे समाप्त करने के लिये सख्त कानून बनाने का संदेश जन-जन तक पहुंच चुका है.
सतपाल महाराज ने कहा, सरकार इस दिशा में काम कर रही है लेकिन कानून बनाने की एक संवैधानिक प्रक्रिया है जिसे पूरा होने में समय लगता है.
देश को गद्दारों से है खतरा: अन्ना हजारे
बरेली से कांग्रेस सांसद प्रवीण ऐरन ने भी कहा है कि उन्होंने अन्ना हजारे की टोली द्वारा तैयार जन लोकपाल विधेयक को कानून मंत्रालय से सम्बद्ध स्थायी समिति के समक्ष प्रस्तुत किया है.
टीम अन्ना से बातचीत की कोशिशें हुई तेज
मुंबई उत्तर मध्य संसदीय क्षेत्र की सांसद प्रिया दत्त ने कहा कि मौजूदा स्वरूप में यह विधेयक काफी कमजोर है. उन्होंने टीम अन्ना के लोकपाल विधेयक की भी आलोचना की और कहा कि मेरा मानना है कि जन लोकपाल विधेयक और लोकपाल विधेयक दोनों में कमियां हैं.
विले पार्ले में विरोध प्रदर्शन का सामना करने वाले संजय निरूपम ने हजारे टोपी पहने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वह हजारे के मुद्दे को अपना समर्थन देते हैं और कड़े लोकपाल विधेयक के पक्ष में हैं.