कोलगेट मुद्दे को लेकर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी छह दलों के साथ आने को, आगामी लोकसभा चुनाव से पहले तीसरा मोर्चा बनने की संभावना से इंकार करते हुए मुख्य विपक्षी दल और मुख्य सत्ताधारी दल ने कहा है कि भारतीय राजनीति में अभी ऐसी कोई गुंजाइश नहीं है.
कांग्रेस और भाजपा दोनों ने कहा है कि 2014 के आम चुनाव में किसी तीसरे मोर्चे के सत्ता में आने की अटकलें महज कोरी कल्पना है और तीसरे मोर्चे का ना तो अभी कोई अस्तित्व है और ना ही आगामी लोकसभा चुनाव तक होगा.
शुक्रवार को मुलायम सिंह की अगुवाई में कोयला ब्लाक आवंटन रद्द किए जाने और इस मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश से कराने की मांग पर संसद भवन के मुख्य द्वार पर सपा, भाकपा, माकपा, आरएसपी, फारवर्ड ब्लॉक और तेलुगूदेशम पार्टी के सदस्यों के धरने के बाद आगामी आम चुनाव से पहले गैर भाजपा और गैर कांग्रेस तीसरे मोर्चे के उभरने की अटकलें लगाई जाने लगी हैं.
हालांकि भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने इस कथित तीसरे मोर्चे को ‘कांग्रेस की बी टीम’ कह कर खारिज कर दिया तो कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि तीसरा मोर्चा भारतीय राजनीति की ऐसी स्थायी मृग मरीचिका है जो कभी वास्तविक नहीं हो सकती.
मुलायम और वाम दलों ने दस साल पहले भी पीपुल्स फ्रंट बनाया था लेकिन सपा प्रमुख द्वारा अचानक ‘सांप्रदायिकता विरोधी मंच’ छोड़ कर राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एपीजे अब्दुल कलाम के पक्ष में चले जाने से वह फ्रंट फुस्स हो गया था.
अंतिम गैर कांग्रेस और गैर भाजपा केन्द्र सरकारों का गठन तत्कालीन संयुक्त मोर्चा के तहत 1996 में हुआ था जिसके अंतर्गत पहले एच डी देवेगौड़ा और फिर इन्द्र कुमार गुजराल के नेतृत्व में सरकारें बनीं. अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के 13वें दिन ही गिर जाने पर कांग्रेस के समर्थन से संयुक्त मोर्चा सरकार बनी थी. दो साल बाद कांग्रेस ने हाथ खींच लिया और संयुक्त मोर्चा सरकार और मोर्चा दोनों बिखर गए.
जदयू के शिवानंद तिवारी का कहना है कि आज की राजनीति में तीसरे मोर्चे की कोई गुंजाइश नहीं है और मुलायम ने कैग रिपोर्ट पर राजग के आक्रमण की धार कुंद करने के प्रयास में वाम दलों के साथ मिलकर यह शोशा छोड़ा है.
धरने में शामिल भाकपा के डी राजा ने भी तीसरे मोर्चे के बनने की बातों से इनकार करते हुए कहा, ‘हम सिर्फ एक सीमित मुद्दे पर साथ आए हैं और आप इसे किसी मोर्चे का नाम नहीं दे सकते हैं.’
माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा, ‘हम केवल एक मुद्दे पर साथ आए हैं, आगे देखिए यह क्या शक्ल बनती है.’
मुलायम सिंह की विश्वस्नीयता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘इसीलिए हम कह रहे हैं कि यह केवल समय ही बताएगा कि भविष्य में क्या होगा.’ जदयू के तिवारी ने कहा कि केन्द्र में अगली सरकार केवल भाजपा या कांग्रेस के नेतृत्व में बनेगी. उसमें तीसरे मोर्चे जैसी किसी चीज़ की संभावना दूर-दूर तक नहीं है.