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कांग्रेस ने अन्‍ना हजारे पर लगाए भ्रष्‍टाचार के गंभीर आरोप

कांग्रेस प्रवक्‍ता मनीष तिवारी ने कहा कि अन्‍ना हजारे के लोगों पर फिरौती, ब्‍लैकमेलिंग, जबरन वसूली और दूसरों की संपत्ति पर कब्‍जा करने के आरोप हैं.

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अन्‍ना हजारे
अन्‍ना हजारे

सामाजिक कार्यकर्ता अन्‍ना हजारे के 16 अगस्‍त से अनशन को लेकर सरकार और सिविल सोसायटी के बीच आर-पार की जंग छिड़ गई है. अन्‍ना की चिट्ठी के जवाब में पीएम के जवाब पर टीम अन्‍ना ने हैरानी जताते हुए कहा है कि अनशन होकर ही रहेगा. मुख्‍य विपक्षी दल ने अन्‍ना के प्रति खुलकर समर्थन जाहिर किया है. वहीं कांग्रेस ने पीएम पर अन्‍ना की टिप्‍पणी को लेकर नाराजगी जताते हुए सामाजिक कार्यकर्ता को शिष्‍टाचार सीखने की नसीहत दे डाली है. कांग्रेस प्रवक्‍ता मनीष तिवारी ने यहां प्रेस कांफ्रेंस कर अन्‍ना के खिलाफ भ्रष्‍टाचार के आरोपों की पोल खोलने का दावा किया.

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अन्ना पर पहला आरोप
ट्रस्ट के पैसे से मनाया जन्मदिन

कांग्रेस ने जस्टिस सावंत कमीशन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अन्ना पर आरोप लगाया है कि अन्ना के जन्मदिन पर उनके हिंद स्वराज ट्रस्ट से दो लाख 20 हजार रुपये खर्च किये गये...लेकिन अन्ना ने इसका कोई लेखा-जोखा सरकार को नहीं सौंपा.

अन्ना पर दूसरा आरोप

एक संस्थान के 20 साल का नहीं सौंपा लेखा-जोखा

अन्ना पर कांग्रेस ने दूसरा आरोप लगाया कि उन्होंने 1982 में संत यादव बाबा शिक्षण प्रसारण संस्थान बनाया था...लेकिन 82 से लेकर साल 2002 तक अन्ना की तरफ से उस संस्थान का कोई भी लेखा-जोखा सरकार को नहीं दिया गया.

अन्ना पर तीसरा आरोप
एक संस्था का अवैध तरीके से बने चेयरमैन

अन्ना पर कांग्रेस ने तीसरा आरोप लगाया है कि वो बिना सदस्य हुए ही कृष्णा पानी गुणवत्ता योजना सहकारी संस्था के चेयरमैन बन गये. जो अवैध है.

अन्ना पर चौथा आरोप

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आंदोलन से जुड़े गुंडे

अन्ना ने 1997 में भ्रष्टाचार विरोधी जनजागरण संगठन बनाया था. कांग्रेस का आरोप है कि उनके आंदोलन से जुड़े कुछ लोग फिरौती, ब्लैकमेलिंग और गुंडागर्दी में भी लिप्त होते हैं लेकिन अन्ना का उन पर कंट्रोल नहीं होता.

 

कांग्रेस प्रवक्‍ता ने कहा कि अन्‍ना के लोगों पर फिरौती, ब्‍लैकमेलिंग, जबरन वसूली और दूसरों की संपत्ति पर कब्‍जा करने के आरोप हैं. अन्‍ना की इस टिप्‍पणी पर कि पीएम किस मुंह से झंडा फहराएंगे, मनीष तिवारी ने कहा कि हजारे शिष्‍टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं. उन्‍होंने न सिर्फ पीएम का अपमान किया बल्कि तिरंगे का भी अपमान किया है जिसे लाल किले पर लहराने के लिए लाखों हिंदुस्‍तानियों ने बलिदान किया.

उन्‍होंने तल्‍ख लहजे में कहा कि तुम किस मुंह से भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अनशन की बात करते हो. ऊपर से नीचे तक तुम भ्रष्‍टाचार में खुद लिप्‍त हो.
इससे पहले टीम अन्‍ना ने पीएम के जवाब को दुर्भाग्‍यपूर्ण करार दिया है. वरिष्‍ठ वकील और टीम अन्‍ना के सहयोगी प्रशांत भूषण ने कहा कि इस अनशन में ज्‍यादा लोग हिस्‍सा न ले सकें, इसलिए इतनी शर्तें लादी गई हैं. सामाजिक कार्यकर्ता और टीम अन्‍ना के एक अन्‍य सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वैधानिक शर्तें ही मानेंगे.

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