कांग्रेस के सालाना अधिवेशन में अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि संघ का असली चेहरा पूरे समाज के सामने है. उन्होंने बाबरी मस्जिद गिराये जाने को भी गलत ठहराया.
कश्मीर के मुद्दे पर बोलते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हम नयी स्थिति का सामना कर रहे हैं और पिछले कुछ माह के घटनाक्रम पीड़ादायी हैं.
उन्होंने कहा, ‘जम्मू कश्मीर में सरकार से असंतुष्ट सभी लोगों से मेरा अनुरोध है कि वह सरकार पर भरोसा करें, शांति को एक मौका दें और हमें उनका भविष्य बनाने दें.’
उन्होंने जम्मू कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में हर वर्ग के लोगों के साथ सार्थक राजनीतिक वार्ता करने की जरूरत पर बल दिया.
अधिवेशन में अपने भाषण के दौरान सोनिया ने कहा, ‘आप जो करते हैं वह जो महत्वपूर्ण है लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि आप वो कैसे करते हैं.’ {mospagebreak}
उन्होंने बुनियादी मुद्दों को नहीं भूलने की बात दोहरायी और जिन मुद्दों पर पार्टी का गठन हुआ है उन मुद्दों को नहीं भूलने की बात भी दोहरायी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के हर काम को पार्टी कार्यकर्ताओं से जोड़ना जरूरी है.
उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संदेश दिया कि वो जनसेवा के काम में समाज के कमजोर वर्ग के जीवन में सुधार लाने के लिए काम करें.
सोनिया गांधी ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि वो अपने कार्यकर्ताओं से उम्मीद करती हैं कि वो संयम, सादगी और निष्ठा के सिद्धांतों का पालन करेंगे.
सोनिया के भाषण के कुछ मुख्य बिंदु:
सोनिया गांधी ने यूपीए सरकार की रोजगार गारंटी योजना को एक बड़ी उपलब्धि करार दिया.
सोनिया गांधी ने मुंबई पर हुए 26/11 हमले के दोषियों को सजा दिए जाने पर बल दिया.
उन्होंने कश्मीर में शांति बहाल करने को जरूरी बताते हुए वहां के लोगों से सरकार पर भरोसा करने का अनुरोध किया.
सोनिया ने कहा कि बढ़ती महंगाई से सरकार चिंतित है और इसपर काम किया जा रहा है.
सोनिया ने बाबरी मस्जिद के ढांचा को गिराया जाना गलत बताया.
उन्होंने कश्मीर में विकास की प्राथमिकता को भी दुहराया.
सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी विपक्ष के विरोध के बाद भी महिला आरक्षण के साथ है.
उन्होंने कहा कि देश में जात-पात का भेदभाव ठीक नहीं है.
उन्होंने लगातार हो रहे नक्सली हमलों पर चिंता जाहिर की और कहा कि नक्सली खतरा देश के लिए चिंता का विषय है.