सत्तारुढ राजग के प्रमुख घटक जदयू ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के चुनावों के मद्देनजर वोट बैंक की राजनीति के लिए कांग्रेस अन्य पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यकों के बीच दशकों से चली आ रही सामाजिक समरसता में फूट डालकर हिंदुत्व की भावना को मजबूत कर रही है.
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के 27 फीसदी के आरक्षण कोटे में से अल्पसंख्यकों के लिए 4.5 फीसदी सब कोटा का निर्णय कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर वोट बैंक की राजनीति के लिए लिया है.
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में अल्पसंख्यकों के लिए ओबीसी कोटे में से 4.5 फीसदी आरक्षण देने को कल हरी झंडी दी थी.
कैबिनेट ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1992 की धारा 2 सी में परिभाषित अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने की हरी झंडी दे दी थी.
जदयू नेता ने कहा, ‘कांग्रेस ने जो किया है वह उसे भी पता नहीं है. कांग्रेस ने ओबीसी कोटे के भीतर आरक्षण देकर हिंदूवादी भावना को मजबूत करने का प्रयास किया है. यह प्रावधान दशकों से ओबीसी और अल्पसंख्यकों के बीच चले आ रहे सामाजिक तानेबाने को ध्वस्त करेगा.’
उन्होंने कहा, ‘हमने लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा को बिहार में रोकर हिंदूवादी भावना की लहर को थामा था. मंडल आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद हिंदुत्ववादी भावना को रोकने में ओबीसी तथा अल्पसंख्यकों के बीच समरसता काफी उपयोगी साबित हुआ था.’
तिवारी ने कहा, ‘चुनाव की राजनीति के फायदे के लिए कांग्रेस ने एक भयंकर भूल की है जिसे सुधारना होगा.’