वरिष्ठ कांग्रेसी दिग्विजय सिंह के खबरों में आये इस बयान ने बखेड़ा खड़ा कर दिया है कि मुंबई पुलिस के अधिकारी हेमंत करकरे मुस्लिमों के लिए भगवान थे. सिंह ने अपने इस बयान को एक तरह से स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका कहने का मतलब यह था कि मुस्लिमों को करकरे में खुदा का फरिश्ता दिखाई दिया.
कांग्रेस ने सिंह के खबरों में आये बयान पर सफाई दी है. पार्टी प्रवक्ता शकील अहमद ने संवाददाताओं से कहा कि किसी भी धर्म में आप मनुष्य की तुलना भगवान से नहीं कर सकते. हो सकता है कि उन्होंने :सिंह: इसका इस्तेमाल कहावत के तौर पर किया हो.
उधर सिंह ने कहा कि मैंने कहा था कि जब हेमंत करकरे ने मालेगांव विस्फोट में शामिल कुछ लोगों (कुछ हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों) को गिरफ्तार किया था तो मुस्लिमों को राहत मिली. उन्हें महसूस हुआ कि कम से कम इस ईमानदार पुलिस अधिकारी ने ऐसे वक्त पर समुदाय से धब्बे को हटाया है जब आतंकी मामलों में केवल मुस्लिमों को पकड़ा जा रहा था.
उन्होंने कहा कि उन्हें लगता था कि करकरे में उन्हें खुदा का फरिश्ता मिल गया है. वे इसलिए करकरे का बहुत सम्मान करते थे. करकरे की मौत 2008 में मुंबई आतंकी हमलों के दौरान हो गयी थी. वह मालेगांव विस्फोट मामले में जांच कर रहे थे जिसमें दक्षिणपंथी हिंदू संगठन अभिनव भारत के लोग कथित तौर पर शामिल थे.
इससे पहले खबरों में दिग्विजय के हवाले से कहा गया था कि हेमंत करकरे देश में मुस्लिमों के लिए खुदा के तौर पर आये. उन्होंने समुदाय को बदनामी से बचाया. सिंह ने मुंबई में एक पुस्तक विमोचन समारोह में यह बयान दिया था.
उनकी इस टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया में भाजपा ने आरोप लगाया था कि उनका मकसद नफरत फैलाना है.