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कांग्रेस को 2014 में जनता से मिलेगा जवाब: करात

कोयला मुद्दे पर गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के बयान की विपक्षी दलों ने जमकर आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस यह भूल गई कि बोफोर्स कांड के बाद वह सत्ता से बाहर हो गई थी और फिर उसे अकेले दम पर कभी बहुमत नहीं मिला. इस पूरे विवाद को शिंदे ने तवज्जो नहीं देने का प्रयास किया.

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प्रकाश करात
प्रकाश करात

कोयला मुद्दे पर गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के बयान की विपक्षी दलों ने जमकर आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस यह भूल गई कि बोफोर्स कांड के बाद वह सत्ता से बाहर हो गई थी और फिर उसे अकेले दम पर कभी बहुमत नहीं मिला. इस पूरे विवाद को शिंदे ने तवज्जो नहीं देने का प्रयास किया.

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माकपा महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि लोग कांग्रेस के ‘कर्मों’ को नहीं भूलेंगे और उसे 2014 के आम चुनाव में उचित जवाब देंगे.

गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे द्वारा कोयला मुद्दे पर दिये बयान पर पूछे गये एक सवाल के जबाव में करात ने कहा, ‘2014 में शिंदे समझ जाएंगे कि लोगों की यादाश्त कितनी कमजोर है.’ शिन्दे ने कहा था कि कोयला मुद्दे को लोग जल्दी ही भूल जाएंगे.

करात ने कहा, ‘उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम में कोई नुकसान नहीं हुआ, अब वह कह रहे हैं कि कोयला आवंटन में कुछ भी गलत नहीं हुआ.’

करात ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता है कि लोग इसे भूल जाएंगे.’

हालांकि शिंदे ने अपने बचाव में कहा, ‘मैंने मजाकिया लहजे में कहा था. मीडिया ने मेरे बयान को प्रसंग से बाहर जाकर पेश किया है.’ गौरतलब है कि शिंदे ने कहा था कि बोफोर्स की तरह कोयला मुद्दे को भी लोग जल्द ही भूल जाएंगे.

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भाजपा नेता बलबीर पुंज ने कहा, ‘1984 में इंदिरा गांधी की मौत के बाद जब चुनाव हुए तो कांग्रेस को 400 से ज्यादा सीटें मिली थीं. पांच वर्ष बाद बोफोर्स को लेकर कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई और उसकी सीटों की संख्या आधी हो गई.’

पुंज ने कहा, ‘यह अलग मामला है कि लोग बोफोर्स मामले को भूले हैं या नहीं लेकिन कांग्रेस भूल गई है कि बोफोर्स के बाद उसके साथ क्या हुआ. इसके बाद कांग्रेस को अपने बूते बहुमत नहीं मिला.’

भाकपा के डी. राजा ने भी सत्तारूढ़ पार्टी को याद दिलाया कि बोफोर्स के बाद वह चुनाव हार गई थी और लोगों ने तत्कालीन सरकार को यह संदेश दिया था.

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी और शिंदे को यह याद रखना चाहिए.’ जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने शिंदे को अपना ‘पुराना मित्र’ बताया लेकिन अपनी अप्रसन्नता नहीं छिपा सके.

यादव ने कहा, ‘वह हाल में दिल्ली आए हैं. उनका महत्व कांग्रेस पार्टी के कारण है. बेहतर है वह केवल गृह मंत्रालय के बारे में बोलें. राजनीतिक मुद्दों पर उन्हें कम बोलना चाहिए.’

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