भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री तथा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस पर करारा हमला करते हुये कहा कि कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में ‘विजन डाक्यूमेंट’ नहीं बल्कि ‘डिवीजन डाक्यूमेंट’ पेश किया है क्योंकि इसमें धर्म आधारित आरक्षण देने का वायदा किया है जो देश में कट्टरपंथियों को और अधिक बढावा देगा.
जेटली ने कहा कि धर्म आधारित आरक्षण का तो इस देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, पूर्व गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल तथा अन्य सभी लोगों ने विरोध किया था क्योंकि यह विचार देश को एक और विभाजन के लिए प्रेरित करता. उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस वही कार्य कर रही है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा धर्म आधारित आरक्षण के माध्यम से देश में अब विकास और शासन के एजेंडे को बदलने की कोशिश शुरू की गयी है. उन्होंने कहा कि पहले कहा गया कि साढ़े चार प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. फिर उत्तर प्रदेश में कहा गया कि 9 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा और अब कहा जा रहा है जनसंख्या के आधार पर आरक्षण दिया जाएगा. इससे देश को बांटने वालों को प्रोत्साहन मिलेगा.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष जेटली ने कहा कि मंडल आयोग के तहत हिन्दू और मुसलमानों की कुछ पिछडी जातियों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है लेकिन अब धर्म आधारित आरक्षण का वायदा करके जो विजन डाक्यूमेंट पेश किया गया है वह उन पिछडों के हक को छीनने वाला साबित होगा.
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस इससे देश में सामाजिक तनाव बढ़ा कर राजनीति करना चाहती है. कांग्रेस को इस डाक्यूमेंट पर फिर से विचार करना चाहिये. इससे कट्टरपंथी ताकतों को बढावा मिलेगा.
जेटली ने कहा कि कांग्रेस ने उत्तराखंड के साथ कभी मित्रतापूर्ण व्यवहार नहीं किया. जब उत्तराखंड गठित करने का समय था तब भी कांग्रेस ने साथ नहीं दिया और जब इस राज्य को आर्थिक रूप से समृद्ध करने की बात आयी तो कांग्रेस ने एक साजिश के तहत विशेष औद्योगिक पैकेज की समय सीमा को वर्ष 2013 से घटाकर वर्ष 2010 कर दिया. भाजपा ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री का साथ देकर इस निर्णय का पुरजोर विरोध किया था.
उन्होंने कहा कि इसके विपरीत भाजपा ने हमेशा उत्तराखंड के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार किया है चाहे वह अलग राज्य गठन का मुद्दा हो, चाहे आर्थिक विकास के लिये विशेष पैकेज देने की बात हो. उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य के शासन के लिये नेतृत्व और विश्वसनीयता दोनों महत्वपूर्ण तथ्य हैं. भाजपा को मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी के नेतृत्व में चुनाव लडने से इन दोनों तथ्यों के संदर्भ में लाभ मिलने वाला है क्योंकि खंडूरी नेतृत्व तथा विश्वसनीयता के मामले में खरे उतरे हैं. उनके नेतृत्व में हम चुनाव जीतते हैं तो यह अन्य राज्यों के लिये एक उदाहरण बनेगा.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव जेटली ने कहा कि भाजपा पूरी ताकत के साथ इस बार एकजुट होकर चुनाव लड़ रही है और कांग्रेस चुनाव में चाहे जो भी कह ले लेकिन उसका रवैया उत्तराखंड के प्रति हमेशा द्वेषपूर्ण रहा है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में कांग्रेस के खिलाफ हवा है. केन्द्र में कांग्रेस की सरकार की कोई साख नहीं है. आर्थिक मोर्चे पर यह सरकार नाकाम रही है. भ्रष्टाचार के नये आयाम उभरकर सामने आये हैं.
उन्होंने कहा दूसरी ओर उत्तराखंड में भाजपा सरकार का कार्यकाल बेहद अच्छा रहा है. स्वास्थ्य चिकित्सा सेवाओं का अच्छा विकास हुआ है. उन्होंने कहा कि खंडूरी के ईमानदार होने का पार्टी को राजनैतिक लाभ मिलेगा और यह विषय भी पूरे देश में मजबूती से उभरेगा.
सलमान रुश्दी की भारत यात्रा को टालने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हो रहे चुनाव को देखते हुये यह केन्द्र में कांग्रेस सरकार की एक चाल थी. रुश्दी छह से सात बार भारत की यात्रा कर चुके हैं, तब तो कोई समस्या नहीं हुयी थी. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में उमा भारती ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह मुख्यमंत्री पद की दावेदार नहीं हैं.